'ठगी का नया तरीका' अब eSIM से बैंक अकाउंट को निशाना बना रहे हैकर्स, जाने इनसे खुद को कैसे बचाएं ?
टेक न्यूज़ डेस्क,टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को आसान बना रही है, लेकिन हैकर्स इसका इस्तेमाल लोगों को फंसाने के लिए कर रहे हैं। रूसी साइबर सुरक्षा कंपनी 'F.A.C.C.T' ने ई-सिम का इस्तेमाल करने वाले लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। दरअसल, ई-सिम स्वैपर्स ने लोगों के फोन नंबर चुराने और डिजिटल सुरक्षा को दरकिनार करने के लिए अपने हमलों का तरीका बदल दिया है। कंपनी ने पाया कि पिछले साल सिर्फ एक मामले में, लोगों के व्यक्तिगत खातों तक पहुंच हासिल करने के लिए लगभग सौ प्रयास किए गए थे।
खबर पर आगे बढ़ने से पहले eSIM के बारे में जानना जरूरी है। eSIM डिजिटल सिम की तरह होते हैं, जो लोगों के फोन में स्टोर होते हैं। यह फिजिकल सिम की तरह काम करता है। सेवा प्रदाता द्वारा प्रदान किए गए QR कोड को स्कैन करके eSIM को डिवाइस में जोड़ा जा सकता है।यह तकनीक स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है और वे सेल फोन से फिजिकल सिम कार्ड स्लॉट हटा रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिम स्वैपर्स ने eSIM तकनीक को क्रैक करना शुरू कर दिया है और फोन नंबर, बैंक विवरण आदि तक पहुंच सकते हैं।हमलावर चोरी या लीक हुए क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं के मोबाइल खातों को हाईजैक कर लेते हैं और फिर क्यूआर कोड उत्पन्न करके मोबाइल फोन नंबरों को अपने डिवाइस में स्थानांतरित कर लेते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, पीड़ित का सेल फोन नंबर हाईजैक कर लिया जाता है और ई-सिम निष्क्रिय कर दिया जाता है।
तो क्या हो सकता है
एक बार जब वे सेल फोन नंबरों तक पहुंच प्राप्त कर लेते हैं, तो अपराधी उपयोगकर्ताओं के बैंकिंग और मैसेजिंग ऐप सहित विभिन्न सेवाओं तक पहुंच सकते हैं, और यहां तक कि दो-कारक प्रमाणीकरण को भी बायपास कर सकते हैं। ऐसा करके वे यूजर्स के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
ऐसे करें अपनी सुरक्षा
eSIM स्वैपिंग हमलों को रोकने के लिए, उपयोगकर्ताओं को अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करना चाहिए। यदि आप अपने फोन पर इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग सेवा का उपयोग करते हैं, तो उस खाते की सुरक्षा कड़ी रखनी होगी। आपको अपना डेटा किसी के साथ शेयर भी नहीं करना चाहिए और अगर आपको खतरा महसूस हो तो तुरंत अपना पासवर्ड बदल लेना चाहिए।

