नई UPI चार्जबैक व्यवस्था: पुराने दावे भी मिलेंगे वापस, ग्राहकों को मिलेगी बड़ी राहत
राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने UPI लेनदेन में बढ़ते चार्जबैक विवादों को देखते हुए एक नई चार्जबैक व्यवस्था की शुरुआत की है। इस व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जिनके पहले खारिज किए गए रिफंड दावे अब फिर से जांचे जाएंगे।
क्या है नई चार्जबैक व्यवस्था?
NPCI ने दिसंबर 2023 में देखा था कि कुछ ग्राहक बार-बार फर्जी चार्जबैक कर रहे थे, जिससे UPI सिस्टम का दुरुपयोग हो रहा था। इसके चलते एक सीमा तय कर दी गई थी:
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महीने में 10 बार से ज्यादा चार्जबैक करने पर,
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या किसी एक व्यक्ति के खिलाफ 5 से अधिक चार्जबैक करने पर,
अगले दावे स्वतः खारिज हो जाते थे।
हालांकि, इस सख्ती के कारण कई सच्चे दावे भी अटक गए थे। अब नई व्यवस्था के तहत, बैंक इन पुराने मामलों की दोबारा जांच कर सकेंगे।
बैंक क्या कर पाएंगे?
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बैंक पुराने खारिज हुए मामलों को फिर से स्वतः जांच सकते हैं।
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NPCI से अलग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
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यदि लेनदेन तकनीकी गड़बड़ी से फेल हुआ हो, बैंक सीधे उसे NPCI को भेजकर रिफंड प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
इससे किसे फायदा होगा?
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ग्राहक:
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जल्दी पैसा वापस मिलेगा
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असली दावों पर रोक नहीं लगेगी
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धोखाधड़ी की संभावना घटेगी
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बैंक:
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NPCI की मंजूरी का इंतजार नहीं करना होगा
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विवादों को जल्दी निपटाया जा सकेगा
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डिजिटल इकोसिस्टम:
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सरकार के डिजिटल भुगतान सिस्टम में भरोसा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
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गलत ट्रांजैक्शन की स्थिति में क्या करें?
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बैंक या UPI ऐप को तुरंत सूचित करें:
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ट्रांजैक्शन ID, तारीख, राशि और गलत UPI ID की जानकारी दें।
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प्राप्तकर्ता से संपर्क करें:
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यदि संभव हो तो उससे सीधे रिफंड की रिक्वेस्ट करें।
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NPCI वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें:
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यदि समाधान न मिले, तो NPCI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शिकायत करें।
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