Trump Tariff War का बड़ा असर! Apple को होगा अरबों डॉलर का नुकसान, जाने कितनी बढ़ सकती है iPhone की कीमत ?
अमेरिकी टेक दिग्गज Apple की भारत को iPhone निर्यात का प्रमुख केंद्र बनाने की योजना को बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही, उन्होंने रूस के साथ भारत के रक्षा और ऊर्जा संबंधों को लेकर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की भी बात कही है। इसका असर Apple की विनिर्माण और निर्यात योजनाओं पर भी पड़ सकता है।
क्या Apple iPhone की कीमतें बढ़ाएगा?
Apple अब तक भारत में iPhone निर्माण को तेज़ी से बढ़ा रहा था। यहाँ से अमेरिका को निर्यात भी बढ़ रहा था। ऐसे में यह अचानक लिया गया फैसला कंपनी की योजनाओं पर पानी फेर सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि इससे Apple को आगामी लॉन्च में iPhone की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ सकता है।अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। Apple ने अब तक अपने प्रमुख विनिर्माण साझेदार Foxconn के माध्यम से भारत में उत्पादन बढ़ाया है। 'चीन-प्लस-वन' रणनीति के तहत भारत को एक वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र बनाया गया था। हाल ही में अमेरिका भेजे गए लगभग आधे iPhone भारत में बने थे, और भारत के प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार में Apple की 55% से अधिक हिस्सेदारी है।
अमेरिका में 6 करोड़ iPhone बिके
आईडीसी इंडिया के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट नवकेंद्र सिंह के अनुसार, "25% का नया टैरिफ ऐपल की उस रणनीति को प्रभावित करेगा, जिसके तहत वह भारत को अमेरिका के लिए iPhone उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बनाना चाहता था।" आईडीसी के अनुसार, अमेरिका में Apple के iPhone शिपमेंट का लगभग 25%, यानी सालाना लगभग 6 करोड़ यूनिट, होता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन बढ़ाने की योजना थी, जिस पर अब असर पड़ सकता है।
ट्रंप के बयान ने स्थिति और बिगाड़ दी
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में ऐपल की भारत नीति पर सीधा हमला बोला। ट्रंप ने 15 मई को कतर में कहा कि उन्होंने ऐपल के सीईओ टिम कुक से कहा है कि जब तक भारत के लिए उत्पादन नहीं हो रहा है, तब तक वहाँ कोई कारखाना लगाने की कोई ज़रूरत नहीं है। विश्लेषक नील शाह का मानना है, "ट्रंप प्रशासन भारत पर ऐपल की बढ़ती निर्भरता को खतरनाक मान रहा है।" उनका कहना है कि यह कदम ऐपल पर अमेरिकी धरती पर उत्पादन बढ़ाने का दबाव बनाने की एक रणनीति है। शाह ने यह भी कहा कि यह ट्रंप के लिए एक भू-राजनीतिक हथियार भी बन सकता है, जिसके ज़रिए वह भारत के साथ व्यापार घाटे और रूस संबंधी नीति का फ़ायदा उठाना चाहते हैं।
ऐपल अब सीमित विकल्पों के बीच फँस गया है
अब तक वैश्विक कंपनियों के लिए चीन के बाद भारत को सबसे उपयुक्त उत्पादन स्थल माना जाता था। लेकिन अब अमेरिकी बाज़ार में भारत और चीन दोनों की ओर से कर बाधाएँ हैं। नील शाह कहते हैं, "तीसरा विकल्प ब्राज़ील है, लेकिन फ़ॉक्सकॉन की वहाँ क्षमता बहुत सीमित है और विस्तार में समय लगेगा।"निकट भविष्य में, ऐपल 'प्रतीक्षा करो और देखो' की रणनीति अपना सकता है। यानी, वह शिपमेंट जारी रखते हुए नीतिगत स्थिति पर नज़र रखेगा। शाह का मानना है कि कंपनी या तो ख़ुद लागत वहन करेगी, या उपभोक्ताओं पर बोझ डालेगी। या फिर उम्मीद करेगी कि ट्रंप नीति बदल दें, जैसा कि पहले भी हुआ है।
लॉन्च के समय बढ़ सकती हैं कीमतें
ऐपल के लिए चिप की लागत पहले से ही बढ़ रही है, ख़ासकर TSMC की 3nm चिप महंगी हो गई है। ऐसे में कंपनी या तो दूसरी जगहों से लागत कम करेगी, या सैमसंग की तरह कीमतें बढ़ाएगी। शाह कहते हैं, "ऐप्पल अब दोतरफ़ा दबाव में है - कंपोनेंट्स और टैरिफ़, दोनों की वजह से, और उसे यह तय करना होगा कि किस रास्ते से कम नुकसान होगा।"
भारत से iPhone निर्यात में भारी वृद्धि
Apple ने अप्रैल-जून तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) में भारत से अमेरिका को 5 अरब डॉलर से ज़्यादा मूल्य के iPhone निर्यात किए, जो देश के कुल स्मार्टफोन निर्यात का लगभग 70% है। पिछले साल इसी अवधि में यह आँकड़ा 3 अरब डॉलर था। फ़ॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के ज़रिए उत्पादन में हुई वृद्धि ने भारत को वैश्विक उच्च-मूल्य वाले स्मार्टफोन आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

