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1 मई की डेडलाइन खत्म! फर्जी कॉल से नहीं मिला छुटकारा, अब आगे क्या?

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टेक न्यूज़ डेस्क - फर्जी कॉल और मैसेज से निजात दिलाने के लिए सरकार ने 1 मई की समय सीमा तय की थी। लेकिन अब तक इन फर्जी कॉल्स और मैसेज से छुटकारा नहीं मिल सका है। ऐसे में यूजर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सवाल उठा रहे हैं। हकीकत यह है कि सरकार की तैयारी एक तरफ है। वहीं दूसरी तरफ हैकर्स फर्जी कॉल और मैसेज के नए-नए तरीके खोज रहे हैं।

फेक कॉल और मैसेज से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है
नए नियम के तहत ट्राई की ओर से एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) फिल्टर लगाया जाना था, जो फर्जी बैंकिंग और मार्केटिंग कॉल्स को पहचानने और ब्लॉक करने का काम करता है। सभी टेलीकॉम कंपनियों को इस टूल को लागू करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने अभी तक इन टूल्स को लॉन्च नहीं किया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में फर्जी कॉल और मैसेज से निजात मिल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक एयरटेल ने एआई फिल्टर लगाना शुरू कर दिया है। जबकि जियो की ओर से भी तैयारी की जा रही है।

कॉलर आईडी सुविधा
फेक कॉल्स और मैसेज को ब्लॉक करने की ट्राई की तैयारी एआई फिल्टर तक सीमित नहीं है। ट्राई की ओर से कॉलर आईडी फीचर भी पेश किया जा रहा है, जो किसी भी अनजान कॉल की पहचान कर सकेगा। यानी फोन पर जब कोई कॉल आएगी तो मोबाइल नंबर के साथ कॉलर की फोटो भी दिखाई देगी। यह फीचर ट्रूकॉलर की तरह होगा। इस मामले में टेलीकॉम कंपनियां भी ट्रूकॉलर के साथ पार्टनरशिप कर रही हैं।

टेलीकॉम प्रमोशन के लिए अलग मोबाइल नंबर
ट्राई प्रचार संदेशों के लिए अलग से 10 अंकों का मोबाइल नंबर जारी करने की योजना बना रहा है। ताकि यूजर्स नॉर्मल और प्रमोशनल कॉल्स के बीच पहचान कर सकें।

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