Jio के 8 साल पूरे होने पर ताबड़तोड़ इंटरनेट चला रहे लोग, डेटा खपत के मामले में सबसे आगे निकला भारत
टेक न्यूज़ डेस्क -टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो 5 सितंबर 2024 को अपनी लॉन्चिंग की 8वीं सालगिरह मना रही है।ट्राई के मुताबिक, जियो के लॉन्च होने से पहले हर भारतीय ग्राहक एक महीने में सिर्फ 410MB डेटा इस्तेमाल करता था (जियो से पहले भारत का डेटा कंजम्पशन)।अब अकेले जियो के नेटवर्क पर डेटा खपत का आंकड़ा 73 गुना से भी ज्यादा बढ़कर 30.3GB प्रति महीने प्रति ग्राहक (जियो नेटवर्क पर प्रति यूजर डेटा खपत) के चौंकाने वाले स्तर पर पहुंच गया है।इसका मतलब है कि हर ग्राहक के लिए प्रतिदिन 1GB से भी ज्यादा। जियो यूजर्स की ज्यादा खपत की वजह से इंडस्ट्री के डेटा खपत के आंकड़े में भी इजाफा हुआ है। अब टेलीकॉम सेक्टर के यूजर्स हर महीने करीब 25GB डेटा इस्तेमाल कर रहे हैं।
डेटा खपत के मामले में भारत 155वें स्थान से पहले स्थान पर पहुंच गया है
जब रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 8 साल पहले जियो लॉन्च किया था, तब किसी ने यह अनुमान नहीं लगाया था कि लॉन्च होने के कुछ ही सालों में जियो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक बन जाएगी।13 करोड़ 5G ग्राहकों के साथ जियो का ग्राहक आधार बढ़कर 49 करोड़ हो गया था। आज जियो नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ट्रैफिक डेटा नेटवर्क (वर्ल्ड लीडिंग टेलीकॉम नेटवर्क) है।दुनिया के 8 प्रतिशत मोबाइल डेटा ट्रैफिक जियो नेटवर्क पर चलते हैं। जियो यूजर्स 148.5 बिलियन जीबी डेटा का उपभोग करते हैं, जो देश के कुल डेटा खपत का 60 प्रतिशत है। जियो की वजह से डेटा खपत के मामले में भारत 155वें स्थान से पहले स्थान पर आ गया है।
तकनीक और स्पीड में रिलायंस जियो का रिकॉर्ड शानदार
4G तकनीक और स्पीड में रिलायंस जियो का रिकॉर्ड शानदार रहा है। अब 5G को लेकर भी कंपनी की बड़ी योजनाएं सामने आ रही हैं।कंपनी सभी के लिए AI, कनेक्टेड ड्रोन, कनेक्टेड एंबुलेंस और अस्पताल, कनेक्टेड खेत और खलिहान, कनेक्टेड स्कूल और कॉलेज, ई-कॉमर्स में आसानी, अविश्वसनीय गति से मनोरंजन, रोबोटिक्स, क्लाउड पीसी, इमर्सिव तकनीक के साथ वर्चुअल चीजें जैसी तकनीकों में महारत हासिल कर रही है।
जियो ने मोबाइल रखने की लागत को कम किया
जियो के आने से देश को कई आयामों में लाभ भी हुआ है। फ्री कॉलिंग की वजह से मोबाइल रखने की लागत कम हुई है।
भारत दुनिया के सबसे सस्ते डेटा बाजारों में से एक है। सस्ते डेटा की वजह से डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ मजबूत हुई है।
ऑनलाइन लेन-देन में हमारे देश ने विकसित और महाशक्ति देशों को पीछे छोड़ दिया है। ई-कॉमर्स को पुनर्जीवित किया गया है।
घर बैठे शॉपिंग करना, टिकट खरीदना, मनोरंजन और बैंकिंग सब आसान हो गया है। नए-नए कारोबार सामने आए हैं। यूनिकॉर्न कंपनियों की बाढ़ आ गई है। और इसके परिणामस्वरूप नई नौकरियां भी बढ़ी हैं।