फ्यूचर शिफ्ट लैब्स ने लॉन्च किया एआईएलएफ, सांसदों और विधायकों को समझाएंगे एआई की बारीकियां
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तेजी से बदलती दुनिया में अब भारत ने भी एक बड़ी पहल की है। Future Shift Labs ने हाल ही में AI Legislators’ Forum (AILF) की शुरुआत की है। यह एक राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सांसदों (MPs) और विधायकों (MLAs) को AI की तकनीक, नीति और गवर्नेंस को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना है। AILF की लॉन्चिंग सांसद सुजीत कुमार, शशांक मणि, रबिन्द्र नारायण बेहरा और लावू श्री कृष्ण देवरायालु ने की। इस मंच से भारत के कानून निर्माता AI के बढ़ते प्रभाव, चुनौतियों और उसके उपयोग से जुड़ी नीतियों पर गंभीर चर्चा कर सकेंगे।
क्यों जरूरी है यह फोरम?
AI अब केवल टेक्नोलॉजी का विषय नहीं रह गया है, बल्कि यह लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था, रोजगार और पब्लिक सर्विस डिलीवरी जैसे अहम मुद्दों को भी प्रभावित कर रहा है। भारत जैसे बड़े और विविध देश में जरूरी है कि विधायकों को इस तकनीक की गहरी समझ हो, ताकि वे सही और जिम्मेदार नीतियां बना सकें।
फोरम का मकसद है:
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विधायकों को AI टूल्स और एप्लिकेशंस से परिचित कराना।
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रेगुलेटरी गैप्स और एथिकल चुनौतियों पर चर्चा कराना।
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जवाबदेही, सेफगार्ड्स और इनोवेशन के बीच संतुलन बनाने की दिशा दिखाना।
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नीतियों के जरिए यह सुनिश्चित करना कि AI का फायदा समाज के हर तबके तक पहुंचे।
कैसे काम करेगा AILF?
Future Shift Labs के मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म के जरिए हर साल लगभग 30 विधायकों को जोड़ा जाएगा। इन्हें वर्कशॉप, फेलोशिप और विशेषज्ञों के साथ इंटरैक्शन के जरिए AI पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके तहत:
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विधायकों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी।
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पॉलिसी एक्सपर्ट्स और टेक्नोलॉजीस्ट के साथ रियल टाइम बातचीत होगी।
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AI का लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और अर्थव्यवस्था पर असर समझने में मदद मिलेगी।
लॉन्च पर नेताओं के विचार
लॉन्च इवेंट के दौरान सांसद शशांक मणि ने कहा – “हमें ह्यूमनिस्टिक AI की जरूरत है, जो हर किसी तक पहुंचे। मार्केट को डिसेंट्रलाइज होना चाहिए ताकि AI सबके हाथों में हो, न कि सिर्फ कुछ बड़ी कंपनियों तक सीमित रहे।” यह बयान इस बात पर जोर देता है कि AI केवल टेक्नोलॉजी कंपनियों या सरकार का औजार न बने, बल्कि यह आम लोगों की भलाई और लोकतांत्रिक संतुलन बनाए रखने में मदद करे।
अंतरराष्ट्रीय संदर्भ – दूसरे देशों के उदाहरण
AI Legislators’ Forum भारत में पहली बार लॉन्च हुआ है, लेकिन दुनिया में ऐसे कई प्लेटफॉर्म पहले से मौजूद हैं:
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UK का All Party Parliamentary Group on AI – जो ब्रिटेन में सांसदों और विशेषज्ञों को AI से जुड़ी नीतियों पर एकजुट करता है।
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US Congressional AI Caucus – जहां अमेरिकी सांसद AI की चुनौतियों और अवसरों पर लगातार चर्चा करते हैं।
ये प्लेटफॉर्म पॉलिसी मेकर्स, इंडस्ट्री और रिसर्च कम्युनिटी के बीच संवाद का ढांचा तैयार करते हैं। भारत का AILF भी इसी दिशा में कदम है, ताकि हमारे कानून निर्माता AI युग की जरूरतों को समझ सकें।
भारत के लिए महत्व
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां AI का असर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार और पब्लिक सर्विस जैसे हर क्षेत्र में पड़ने वाला है।
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पब्लिक सर्विस डिलीवरी: AI से सरकारी सेवाओं को तेज और पारदर्शी बनाया जा सकता है।
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इकोनॉमी ग्रोथ: AI आधारित उद्योग और स्टार्टअप्स GDP में बड़ा योगदान दे सकते हैं।
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लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं: फेक न्यूज, डाटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सही नीति बनाना जरूरी है।
अगर विधायकों को AI की सही समझ होगी, तो वे भविष्य की चुनौतियों के लिए संतुलित और जिम्मेदार नीतियां बना पाएंगे।

