Samachar Nama
×

अब Fake Review दिखाकर ग्राहकों को भ्रमित नहीं कर पाएंगी ई-कॉमर्स कंपनियां, सरकार उठाएगी बड़ा एक्शन 

,

टेक न्यूज डेस्क - किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कोई प्रोडक्ट खरीदते समय लोग सबसे पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू देखते हैं। लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि वे रेटिंग और समीक्षाएँ पूरी तरह सटीक हैं? हाल ही में सरकार को फर्जी रिव्यू की कई शिकायतें मिली हैं. ऐसे में सरकार अब फर्जी रिव्यू पर नकेल कसने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा है कि अब ई-कॉमर्स कंपनियों पर फर्जी रिव्यू की इजाजत नहीं दी जाएगी. ई-कॉमर्स कंपनियों को डिस्क्लेमर देना अनिवार्य होगा. पेड और प्रमोशनल रिव्यू के बारे में पूरी जानकारी देना अनिवार्य होगा. सरकार गाइडलाइंस को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है.

कई ई-कॉमर्स साइट्स पर फर्जी रिव्यू का गोरखधंधा चल रहा है. इसको लेकर काफी समय से नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर शिकायतें आ रही हैं। अब सरकार इस पर सख्त हो गई है. नवंबर 2022 में ही सरकार ने फर्जी रिव्यू रोकने के लिए कुछ मानक बनाए थे, जो इंडस्ट्री के लिए स्वैच्छिक थे। हालांकि बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार अब इन्हें अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. यह भी माना जा रहा है कि इसी साल इस पर फैसला हो सकता है.

आज यानी 15 मई को उपभोक्ता मामलों के सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसके बाद कई अहम फैसले लिए गए. सरकार क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर लाने की तैयारी कर रही है. सशुल्क, प्रायोजित, वास्तविक समीक्षाओं को मान्यता दी जाएगी। नकली या बेतरतीब समीक्षाओं को हटाना होगा. अगले 4 सप्ताह में ड्राफ्ट ऑर्डर आने की उम्मीद है. क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर इसी साल से अनिवार्य हो सकता है.

Share this story

Tags