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Google Play Store ने जारी की सबसे खतरनाक ऐप्प्स की लिस्ट, पर्सनल डेटा से कॉल रिकॉर्डिंग तक ये सब कर रहे चोरी

Google Play Store ने जारी की सबसे खतरनाक ऐप्प्स की लिस्ट, पर्सनल डेटा से कॉल रिकॉर्डिंग तक ये सब कर रहे चोरी

टेक न्यूज़ डेस्क,बीते कुछ सालों में एंड्रॉइड यूजर्स के लिए मालवेयर से जुड़ी खबरें आना आम सी बात हो गई है. एक बार फिर एंड्रॉइड यूजर्स के लिए नए मालवेयर का खतरा मंडरा रहा है. ये नया खतरा कुछ नए ऐप्स में देखने को मिल रहा है. प्राइवेट डेटा के लिए खतरनाक ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मौजूद थे. ये ऐप्स न सिर्फ आपके पर्सनल डेटा को चोरी कर रहे हैं बल्कि ग्राहकों की कॉल रिकॉर्डिंग करने तक के मामले सामने आ रहे हैं.

आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत

गूगल (Google) का दावा है कि मालवेयर ऐप्स को प्ले स्टोर से कम करने के लिए वो लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन बार-बार सामने आ रहीं खबरों के बाद गूगल के कमिटमेंट पर सवाल उठ रहे हैं. इस नई रिपोर्ट में ESET के रिसर्चर्स के जरिए जानकारी मिली है कि गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद वज्रस्पाई नाम का एक नया मालवेयर सामने आया है. ये मालवेयर 12 ऐप्स में देखा गया है. सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि इनमें से 6 ऐप 2 सालों से ज्यादा समय से Google पर मौजूद थे. अब रिपोर्ट के आने के बाद कंपनी ने इन 6 ऐप्स को हटा दिया है, लेकिन वे दूसरे ऐप स्टोर पर अब भी मौजूद हैं. इसका साफ मतलब ये है कि लोगों के फोन में अब भी ये ऐप्स मौजूद हैं. लोगों को अभी भी सावधान रहना होगा और उन्हें अपने एंड्रॉइड फोन पर साइडलोड करने से बचना होगा.

गूगल प्ले स्टोर पर Vajraspy वाली 6 ऐप्स -

  • Privee Talk
  • Let’s Chat
  • Quick Chat
  • Chit Chat
  • Rafaqat
  • MeetMe

ऐप्स पर नजर रख रहा है गूगल

दरअसल गूगल ने हाल में ही एक नया प्रोग्राम शुरू किया है, जिसका नाम गूगल प्ले प्रोटेक्ट (Google Play Protect) दिया गया है. इसके तहत वह ऐप्स पर नजर रखता है. वहीं एक्सपर्ट्स के मुताबिक सिक्योरिटी रिसर्चर्स के जरिए वायरस से इन्फेक्टेड ऐप्स की जानकारी मिलने के बाद गूगल कार्रवाई करता है. अब ऐसा करना गूगल की आदत बन गई है जबकि कंपनी का दावा है कि प्ले स्टोर को प्रोटेक्ट करने का मैकेनिज्म फुल-प्रूफ है. इन रिपोर्ट्स के बाद अब साफ हो जाता है कि यूजर्स को ऐसे मालवेयर ऐप्स से बचने के लिए खुद प्रयास करना होगा, जो उनका प्राइवेट डेटा चुरा सकते हैं. इस प्राइवेट डेटा में अब कॉल रिकॉर्डिंग भी शामिल हो गई है. आपकी उम्र, मेल आईडी, कॉन्टैक्ट से लेकर हैकर्स के पास आपकी आवाज भी मौजूद है.

हैकर्स के पास आपकी पूरी डिटेल

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग प्ले स्टोर से किसी भी ऐप को डाउनलोड करते समय फटाफट परमिशन देते चले जाते हैं. जिसकी वजह से हैकर्स के पास आपकी सारी डिटेल्स पहुंच जाती है. इसलिए ऐप्स को इंस्टॉल करने समय परमिशन पर विशेष तौर पर ध्यान दें कि वो कौन से परमिशन की एक्सेस की मांग कर रहा हैं. इसके साथ लोगों को ऐसे ऐप्स से बचने के लिए यूजर्स को सबसे पहले जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए उनमें प्रमुख हैं कि ऐप को हमेशा ऑथेंटिक ऐप स्टोर से इंस्टॉल करें. मालवेयर और वायरस के खतरे से अपने डिवाइस को बचाने के लिए यूजर्स अपने मोबाइल को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर से अपडेट रखें और आंख बंद करके ऐप्स डाउनलोड न करें. ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले यूजर्स रिव्यू को जरुर देखें. अगर रिव्यू पॉजिटिव है, तभी ऐप्स को डाउनलोड करें. इसके साथ ही डाउनलोडिंग की संख्या तक पर नजर रखें.

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