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Apple,गूगल से मुकाबले के लिए इस एआई कंपनी को 'मोहरा' बना सकती है ऐपल, भारत से खास कनेक्‍शन 

AI की रेस में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एक्स, ओपनएआई के बाद अब एप्पल और मेटा भी तेजी से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, अमेरिकी सिलिकॉन वैली की कई टेक कंपनियां भी इन दिनों AI में भारी निवेश करने की सोच रही हैं। भविष्य की तकनीक को देखते...
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AI की रेस में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एक्स, ओपनएआई के बाद अब एप्पल और मेटा भी तेजी से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, अमेरिकी सिलिकॉन वैली की कई टेक कंपनियां भी इन दिनों AI में भारी निवेश करने की सोच रही हैं। भविष्य की तकनीक को देखते हुए इन दिनों एप्पल और मेटा के बीच स्टार्ट-अप कंपनी Perplexity AI को खरीदने की होड़ मची हुई है। ये दोनों ही टेक कंपनियां Perplexity AI में अपनी रुचि दिखा रही हैं।

हाल ही में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि Perplexity AI को खरीदने के लिए मेटा और एप्पल की ओर से आकर्षक ऑफर दिए जा रहे हैं। इस स्टार्ट-अप कंपनी की स्थापना 2022 में भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास ने की थी। वे वर्तमान में कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक हैं। हालांकि, ये रिपोर्ट्स भी सामने आ रही हैं कि सिलिकॉन वैली की कई और टेक कंपनियां इस स्टार्ट-अप कंपनी को खरीदने की रेस में हैं, लेकिन एप्पल और मेटा का नाम सबसे ज्यादा सामने आ रहा है।

मेटा ने दिया बड़ा ऑफर

इससे पहले ब्लूमबर्ग ने दावा किया था कि मेटा ने पर्प्लेक्सिटी एआई को खरीदने के लिए बड़ा ऑफर दिया है। मार्क जुकरबर्ग की कंपनी ने हाल ही में स्केल एआई में 14.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.23 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया है। इसके अलावा एपल भी पर्प्लेक्सिटी में दिलचस्पी दिखा रहा है। आईफोन बनाने वाली कंपनी फिलहाल एआई के मामले में गूगल से पीछे है। पिछले साल कंपनी ने आईफोन 16 सीरीज में एपल इंटेलिजेंस पेश किया था, जो ओपनएआई के चैटजीपीटी पर आधारित है। वहीं मेटा भी एआई में निवेश कर इंडस्ट्री लीडर बनने की कोशिश में है।

क्यों पसंदीदा बनी पर्प्लेक्सिटी एआई?

पर्प्लेक्सिटी की स्थापना 2022 में भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास ने की थी। कंपनी के पास एआई रिसर्चर और मशीन लर्निंग एक्सपर्ट की टीम है, जिसमें एंडी कोनविंस्की, डेनिस याराट्स और जॉनी हो जैसे बड़े नाम शामिल हैं। सैन फ्रांसिस्को स्थित इस स्टार्ट-अप कंपनी के पास एआई संचालित सर्च इंजन और चैटबॉट है। कंपनी का एआई मॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) पर काम करता है, जिसका नाम सोनार है। 2024 की दूसरी तिमाही तक कंपनी के पास 15 मिलियन यानी 1.5 करोड़ यूजर हो गए।

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