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स्मार्टफोन के गुलाम बनते जा रहे हैं लोग! जानें इससे बचने के तरीके

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टेक न्यूज डेस्क - बार-बार फोन नोटिफिकेशन चेक करना, फोन स्विच ऑफ होने पर बेचैन होना या नेटवर्क प्रॉब्लम स्मार्टफोन एडिक्शन के लक्षण हैं। कोविड काल में पढ़ाई से लेकर ऑफिस के काम और मनोरंजन तक हर चीज के लिए लोग स्मार्टफोन पर निर्भर थे, जिसके कारण अब इसके बिना रहना संभव नहीं है। कई शोधों में यह बात सामने आई है कि स्मार्टफोन की लत लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से कई बीमारियों का शिकार बना रही है। इससे आंखों की सेहत को काफी नुकसान होता है। किसी भी आदत को बनने में लगभग 21 दिन लगते हैं तो उससे छुटकारा पाने में भी लगभग इतना ही समय लगता है। स्मार्टफोन की लत से छुटकारा पाना फिलहाल बेहद जरूरी है। बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए स्मार्टफोन की आदत से छुटकारा जरूरी है। जानिए कुछ ऐसे टिप्स जिनकी मदद से स्मार्टफोन की जगह अपना समय दूसरे कामों में लगाया जा सकता है। स्मार्टफोन का उपयोग करने की समय सीमा निर्धारित करें। अगर आपको इसके लिए अलार्म लगाना है तो वो भी इंस्टॉल कर लें। दिन में कुछ देर के लिए फोन को स्विच ऑफ कर दें। इससे फोन और आपको दोनों को थोड़ा आराम मिलेगा।

फ़ोन सूचनाएं सीमित करें। इससे अगर बार-बार सोशल मीडिया, मेल या मैसेजिंग ऐप्स के नोटिफिकेशन नहीं आएंगे तो फोन से भी ध्यान हट जाएगा। पढ़ाई के दौरान अपने फोन को अपने से दूर रखें। इससे एकाग्र मन से पढ़ाई करने में मदद मिलेगी। अपने दोस्तों और परिवार को 'ऑफ फोन टाइम' (जब आप फोन से दूर हों) के बारे में बताएं ताकि वे आपको कॉल या मैसेज करके परेशान न करें। रात को सोने से कुछ घंटे पहले फोन की बैकलाइट कम कर दें। दिन में कुछ घंटे के लिए फोन का डेटा बंद कर दें यानी इंटरनेट बंद कर दें। इससे बैटरी की बचत होगी और फोन देखने की परेशानी कम होगी। किसी का मैसेज मिलते ही तुरंत जवाब देने की आदत छोड़ दें। आपात स्थिति होने पर ही तुरंत प्रतिक्रिया दें। पढ़ाई के दौरान अपना फोन किसी और के पास रखें। फोन आपके आसपास होगा तो उसे चेक करने की बेचैनी होगी। फोन को कुछ देर एयरप्लेन मोड पर रखने से फोन और आप दोनों आराम कर पाएंगे।

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