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नाबालिग छात्रा की चार साल पुरानी अश्लील वीडियो वायरल, पुलिस ने जांच शुरू की

नाबालिग छात्रा की चार साल पुरानी अश्लील वीडियो वायरल, पुलिस ने जांच शुरू की

एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक छात्रा की चार साल पहले उसके दोस्त द्वारा बनाई गई अश्लील वीडियो अब वायरल हो गई है। वीडियो पीड़िता के पिता तक पहुंचने पर मामला उजागर हुआ। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपी युवक की पहचान कर ली है।

जानकारी के अनुसार, घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी। वीडियो उस दौरान मोबाइल पर चैटिंग के दौरान बनाया गया था। आरोपी युवक सांखौल गांव का निवासी है। पीड़िता के परिवार ने पुलिस को तहरीर दी है, जिसके आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

थाना प्रभारी [नाम] ने बताया कि "हमने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपी युवक से पूछताछ की जाएगी। फिलहाल, हम सभी डिजिटल साक्ष्यों को जुटा रहे हैं ताकि पूरी घटना का पर्दाफाश किया जा सके।"

पुलिस ने बताया कि इस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर पीड़िता के लिए गंभीर मानसिक और सामाजिक नुकसान का कारण बनती हैं, बल्कि समाज में नाबालिग बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करती हैं। इस घटना ने डिजिटल और साइबर सुरक्षा के महत्व को भी उजागर किया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की वीडियो सामग्री को सोशल मीडिया या चैटिंग प्लेटफॉर्म पर साझा करना गंभीर अपराध है। उन्होंने माता-पिता और शिक्षकों से आग्रह किया है कि बच्चों को साइबर जागरूकता के बारे में समय-समय पर शिक्षित करें और उन्हें सुरक्षित डिजिटल व्यवहार अपनाने के लिए मार्गदर्शन दें।

पीड़िता के पिता ने कहा कि "हमने तुरंत पुलिस को सूचना दी। यह हमारे लिए एक झटका है कि चार साल पुरानी वीडियो अब वायरल हो गई। हम चाहते हैं कि आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।"

पुलिस ने स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूज़र्स से भी अपील की है कि यदि किसी को वीडियो से संबंधित कोई जानकारी हो, तो उसे तुरंत थाने के अधिकारियों के साथ साझा करें। इस तरह की घटनाओं में समय पर सूचना देना आरोपी की गिरफ्तारी और न्याय सुनिश्चित करने में मदद करता है।

मामले की जांच में मोबाइल और डिजिटल साक्ष्य की अहम भूमिका होने की संभावना है। पुलिस डिजिटल फॉरेंसिक टीम की मदद से वीडियो की ट्रेसिंग कर रही है, ताकि वायरल करने वाले स्रोत की पहचान की जा सके।

इस घटना ने न केवल बहादुरगढ़, बल्कि पूरे क्षेत्र में चिंता की लहर पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि नाबालिग बच्चों की सुरक्षा और डिजिटल माध्यमों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसे मामलों में सिर्फ आरोपी को सजा देना ही पर्याप्त नहीं है। समाज और परिवारों को बच्चों को साइबर सुरक्षा और व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की दिशा में सक्रिय कदम उठाने होंगे।

इस प्रकार की घटनाएं एक चेतावनी भी हैं कि डिजिटल युग में बच्चों और युवाओं की सुरक्षा के लिए सतर्कता और कानूनी संरक्षण अत्यंत आवश्यक हैं। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपी युवक की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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