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अपरा एकादशी पर इस विधि से करें श्री हरि की पूजा, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

Apara ekadashi vrat 2023 puja vidhi and significance 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता हैं जो कि भगवान विष्णु की पूजा आराधना को समर्पित होता है। एकादशी का व्रत हर माह पड़ता है। अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन पड़ रहा है। 

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इस दिन भक्त भगवान श्री हरि विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं इस बार अपरा एकादशी का व्रत 15 मई को किया जाएगा। अपरा एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है , तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजन की संपूर्ण विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

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पूजन की संपूर्ण विधि—
अपरा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की संग में पूजा का संकल्प करें। प्रभु को केला, आम, पीले पुष्प, पीला चंदन, पीले वस्त्र अर्पित करें और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।

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इसके बाद विष्णु जी को केसर का तिलक लगाएं और स्वयं का भी टीका करें इस दिन पूजा में विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और एकादशी की कथा सुने या पढ़ें। इस दिन पूजा में भगवान विष्णु को पंचामृत और आटे की पंजीरी का भोग लगाएं और उसमें तुलसी दल जरूर अर्पित करें इसके बाद भगवान की विधिवत पूजा करें और आरती पढ़े। अंत में भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और प्रभु से प्रार्थना करें। मान्यता है कि इस विधि से पूजा करने से साधक पर भगवान की कृपा बरसती है। 

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