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गुरु प्रदोष व्रत के दिन इस मुहूर्त में करें पूजा, मिलेगा दोगुना फल 

Guru pradosh vrat date shubh muhurta and significance 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में शिव शंकर की आराधना को समर्पित कई सारे पर्व त्योहार हैं लेकिन प्रदोष व्रत बेहद खास माना जाता हैं जो शिव पूजा के लिए उत्तम होता हैं प्रदोष व्रत हर माह में पड़ता हैं। पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत किया जाता हैं।

Guru pradosh vrat 2023 date shubh muhurta and significance 

इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजन करने से सभी समस्याओं का अंत हो जाता हैं साथ ही साधक पर भोलेनाथ की कृपा बरसती हैं ऐसे में अगर आप भी प्रदोष व्रत पर शिव पूजन कर रहे हैं तो आज हम आपको शुभ मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

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गुरु प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 1 जून को दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है और समापन 2 जून को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर हो जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम होता हैं ऐसे में शिव पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 14 मिनट से रात्रि 9 बजकर 16 मिनट तक का है। इस मुहूर्त में शिव आराधना करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं और सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती हैं। 

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धार्मिक तौर पर प्रदोष व्रत बेहद खास होता हैं इस दिन शिव को प्रसन्न करना बेहद सरल माना जाता हैं। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन अगर उपवास रखते हुए शिव की आराधना की जाए तो साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाता हैं और सुख समृद्धि व धन में वृद्धि होती हैं। 

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