वट सावित्री व्रत पर महिलाएं ऐसे करें पूजा, सदा सौभाग्यवती होने का मिलेगा वरदान
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में ऐसे कई सारे व्रत है जो महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए करती है इन्हीं में से एक है वट सावित्री का व्रत। जो हर शादीशुदा महिला के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं विधिपूर्वक पूजा पाठ करती है और उपवास भी रखती है। पंचांग के अनुसार वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर किया जाता है।

इस दिन सुहागिन महिलाएं वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती है। मान्यता है कि इस व्रत को अगर श्रद्धा पूर्वक किया जाए तो पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस साल वट सावित्री का पावन व्रत 19 मई दिन शुक्रवार को किया जाएगा। ऐसे में अगर आप भी वट सावित्री का व्रत कर रहीं है तो इसकी पूजा विधि भी जान लें, तो आज हम आपको बताने जा रहे है। वट सावित्री व्रत पूजन की विधि।

पूजन की संपूर्ण विधि—
आपको बता दें कि वट सावित्री व्रत वाले दिन शादीशुदा महिलाएं सुबह जल्द उठकर स्नान आदि करें और साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। इस दिन सोलह श्रृंगार जरूर करें। सथ ही पीले रंग का सिंदूर लगाएं। इसे शुभ माना जाता है। इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री सत्यवान और यमराज की प्रतिमा रखें। इस वृक्ष पर जल अर्पित कर पुष्प, अक्षत और मिठाई चढ़ाएं।

पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद मांगें और सात बार इसकी परिक्रमा करें। फिर हाथ में काले चने लेकर वट सावित्री व्रत की संपूर्ण कथा सुनें और गरीबों व जरूरतमंदों को दान जरूर करें। वही व्रत का पारण बरगद की कोपल खाकर करें। मान्यता है कि इस विधि से पूजा करने से साधक को सदा सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है।


