Samachar Nama
×

Vaikuntha Chaturdashi 2024 क्यों मनाते हैं वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व? जानें रोचक कथा

www.samacharnama.com

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन बैकुंठ चतुर्दशी को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। आपको बता दें कि बैकुंठ चतुर्दशी का त्योहार भगवान शिव और श्री हरि विष्णु को समर्पित होता है इस साल बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व आज यानी 14 नवंबर दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है

vaikuntha chaturdashi 2024 vrat katha and importance

इस दिन भगवान शिव और श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना करने का विधान होता है मान्यता है कि इनकी पूजा करने से स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त होता है, और सारे काम बनते चले जाते हैं साथ ही जीवन के दुख और कष्टों से भी छुटकारा मिलता है इस दिन पूजा पाठ के दौरान व्रत कथा जरूर पढ़ें ऐसा करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं वैकुंठ चतुर्दशी की संपूर्ण व्रत कथा। 

vaikuntha chaturdashi 2024 vrat katha and importance

वैकुंठ चतुर्दशी की कथा 
पुराणों के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने 1 हजार कमल के फूलों से महादेव की पूजा का संकल्प लिया। इसके लिए वे काशी आए और विधि-विधान से पूजा करने लगे। शिवजी ने भगवान विष्णु की परीक्षा लेने के लिए 1 हजार में से एक कमल का फूल कम कर दिया। पूजा के दौरान जब भगवान विष्णु ने देखा कि एक कमल का फूल कम है तो उन्होंने उसके बदले अपनी एक आंख शिवजी को चढ़ानी चाही।

vaikuntha chaturdashi 2024 vrat katha and importance

तभी वहां स्वयं महादेव प्रकट हुए और भगवान विष्णु की भक्ति देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उस दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी। महादेव ने कहा कि ‘आज से ये चतुर्दशी वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से प्रसिद्ध होगी। आज जो भी व्यक्ति हरि और हर की पूजा संयुक्त रूप से करेगा, उसे वैकुंठ में स्थान मिलेगा।‘ तभी से वैकुंठ चतुर्दशी का व्रत किया जाने लगा।

vaikuntha chaturdashi 2024 vrat katha and importance

Share this story