
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन गणगौर व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह व्रत भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार गणगौर व्रत हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है।
गणगौर व्रत पर शिव पार्वती की पूजा का विधान होता है। यह व्रत तृतिया तीज के नाम से भी जाना जाता है। गणगौर गण में गण भगवान शिव और गौर माता पार्वती है। गणगौर का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए खास होता है। शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत करती है तो वही कुंवारी कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए गणगौर व्रत पूजन करती हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा गणगौर व्रत की तारीख और अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गणगौर व्रत की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 31 मार्च को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर हो जाएगा। वही इस तिथि का समापन 1 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल गणगौर का व्रत 31 मार्च को रखा जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणगौर का व्रत रखने वाली महिलाओं को भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत को अगर कुंवारी कन्याएं रखती है तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है साथ ही विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं।