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कब रखा जाएगा अनंत चतुर्दशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी व्रत किया जाता हैं इस साल यह व्रत 19 सितंबर को पड़ रहा हैं अनंत यानी जिसका न आदि का पता है और न ही अंत का। यानी वे स्वयं श्री हरि विष्णु ही हैं

vishnuइस व्रत में स्नानादि करने के बाद अक्षत, दूर्वा, शुद्ध रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे हुए चौदह गांठ के अनंत को सामने रखकर हवन किया जाता हैं फिर अनंत देव का ध्यान करके इस शुद्ध अनंत, जिसकी पूजा की गई होती हैं , को पुरुष दाहिनी और स्त्री बायीं भुजा में बांधते हैं इस व्रत में एक समय मुख्य रूप से सिमई युक्त, बिना नमक का भोजन किया जाता हैं निराहार रहें, तो श्रेष्ठ हैं इसी दिन प्रथम पूजय गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन भी गणेश भक्तों द्वारा किया जाता हैं। 

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वही पुराणों में अनंत चतुर्दशी की ​कथा युधिष्ठिर से संबंधित होने का उल्लेख मिलता हैं। पांडवों के राज्यहीन हो जाने पर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने का सुझाव दिया था। इससे पांडवों को हर हाल में राज्य वापस मिलेगा। इसका भी भरोसा दिया था। युधिष्ठिर ने जब पूछा यह अनंत कौन हैं तब श्रीकृष्ण ने कहा कि श्रीहरि के ही स्वरूप हैं। इस व्रत को विधि विधान से करने पर जीवन में आ रहे समस्त संकट समाप्त हो जाते हैं। 
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जानिए चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त—

अनंत चतुर्दशी तिथि आरंभ— 19 सितंबर 2021, रविवार 6:07 Am से
चतुर्थी तिथि की समाप्ति— 20 सितंबर 2021, सोमवार 5:30 Am तक

आपको बता दें कि अनंत चतुर्दशी के दिन भक्त को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ सुथरे वस्त्र धारण करना चाहिए फिर पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिए और भगवान श्री हरि विष्णु की विधिवत पूजा आराधना करनी चाहिए इस दिन व्रत पूजन का संकल्प करें और पूजा करे आप चाहे तो फलाहार व्रत भी रख सकते हैं। 

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