ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन जातक व्रत पूजन करते है। मान्यता है कि पूर्णिमा पर ईश्वर आराधना करने से भक्तों को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है और कष्टों में कमी आती है। अभी चैत्र का पावन महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। चैत्र पूर्णिमा के समापन के बाद से ही वैशाख महीने का आरंभ हो जाएगा। चैत्र मास में पड़ने वाली पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा है इस दिन पूजा पाठ, स्नान ध्यान करना उत्तम होता है तो आज हम आपको चैत्र पूर्णिमा की तिथि और इस दिन किए जाने वाले उपाय बता रहे है।

चैत्र पूर्णिमा की तिथि-
धार्मिक पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 5 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 19 मिनट से आरंभ हो रहा है और इसका समापन अगले दिन यानी की 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदयातिििा के अनुसार 6 अप्रैल को पूर्णिमा का स्नानदान किया जाएगा। इसी दिन हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा।

चैत्र पूर्णिमा पर करें ये काम-
हिंदू धर्म में चैत्र पूर्णिमा को शुभ माना जाता है इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें भगवान सत्यनारायण की पूजा करें उनकी कथा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि का घर में वास होता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना व दान देना उत्तम फल प्रदान करता है।

इस दिन स्नान का अधिक महत्व होता है। ऐसे में चैत्र मास की पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें अगर नदी में स्नान नहीं कर सकते है। तो घर में स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और श्री विष्णु का ध्यान मन ही मन करें। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन जरूरतमंदों और गरीों को जल से भरा कलश, सुराई, चावल, छाता, अन्न व धन का दान जरूर करें ऐसा करने से घर परिवार की दरिद्रता समाप्त हो जाती है और लक्ष्मी नारायण की कृपा से सुख में वृद्धि होती है।


