
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन शीतला अष्टमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि माता शीतला की पूजा अर्चना को समर्पित होती है।
पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर शीतला अष्टमी का व्रत पूजन किया जाता है। इस दिन भक्त माता शीतला की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता शीतला की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है और मानसिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि इस साल शीतला अष्टमी का व्रत पूजन कब किया जाएगा, तो आइए जानते हैं।
शीतला अष्टमी की दिन तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 21 मार्च को सुबह 2 बजकर 45 मिनट से आरंभ होगी और 22 मार्च को सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं शुभ मुहूर्त की बात करें तो 21 मार्च को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शाम 6 बजकर 33 मिनट तक हैं। 22 मार्च को प्रात: 4 बजकर 30 मिनट से प्रात: 5 बजकर 23 मिनट का समय शुभ रहेगा।
शीतला अष्टमी का महत्व—
आपको बता दें कि माता शीतला को महामारी की देवी माना गया है। इनकी पूजा करने से बीामरियों और संक्रामक रोगों से रक्षा होती है साथ ही सुख समृद्धि आती है। इस दिन ठंडे व्यंजन बनाए जाते हैं और बासी भोजन का माता को भोग चढ़ता है। जिसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्टमी के दिन उपवास रखकर माता शीतला की कथा सुनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर परिवार में सुख समृद्धि आती है।