ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन महेश नवमी को खास माना गया है जो कि भगवान शिव की साधना आराधना को समर्पित दिन है यह पर्व खासकर माहेश्वरी समाज के लोग बनाने है और महेश नाम से ही इस समाज का नाम माहेश्वरी पड़ा है।

पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि महेश नवमी के शुभ दिन पर भगवान की विधिवत पूजा करने से सुख, शांति, धन वृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। माहेश्वरी समाज के लोग इस पर्व को बड़ी धूमधाम के साथ मानते हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महेश नवमी की तारीख और समय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।

महेश नवमी की सही तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार महेश नवमी का पर्व 15 जून को मनाया जाएगा। महेश नवमी का उत्सव माहेश्वरी समाज में माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिन के रुप में विशाल स्तार पर मनाया जाता है भगवान शिव और माता पार्वती को माहेश्वरी समाज का संस्थापक माना गया है। इस दिन पूजा पाठ करना लाभकारी होता है।

महेश नवमी की पूजा का मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 15 जून को प्रात: 12 बजकर 3 मिनट से आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन 16 जून को प्रात: 2 बजकर 32 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में महेश नवमी के शुभ दिन पर भगवान शिव की पूजा का शुभ समय सुह 7 बजकर 8 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना उत्तम होगा।


