ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन वरद चतुर्थी व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में पड़ती है। इसका एक और नाम तिलकुंद चतुर्थी भी है। इस नि महिलाएं भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं वही संध्याकाल चंद्रमा के दर्शन के बाद ही भोजन कर अपना व्रत खोलती है।
मान्यता है कि वरद चतुर्थी व्रत पूजन करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है साथ ही दुख परेशानियां भी दूर हो जाती हैं, आज यानी 1 फरवरी दिन शनिवार को वरद चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है तो आज हम आपको भगवान गणेश की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
वरद चतुर्थी की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 1 फरवरी दिन शनिवार की सुबह 11 बजकर 38 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 2 फरवरी दिन रविवार को सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। वही चंद्रमा तिथि का चंद्रोदय 1 फरवरी को होगा। इसलिए इसी दिन वरद चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाएगा। इस पावन दिन पर परिघ और शिव नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं जिसके चलते इसका महत्व और बढ़ गया है।
वरद चतुर्थी की पूजा मुहूर्त—
आपको बता दें कि वरद चतुर्थी व्रत की पूजा का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त आज सुबह 11 बजकर 38 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक का है। इसके बाद दूसरा मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से 1 बजकर 2 मिनट तक है यह अभिजीत मुहूर्त है। इसके अलावा तीसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 25 मिनट से 4 बजकर 47 मिनट तक है।