आज होगा भगवान शालिग्राम संग माता तुलसी का विवाह, एक क्लिक में देखें संपूर्ण पूजा विधि

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन तुलसी विवाह को बहुत ही खास माना जाता है जो कि बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जाता है इस दिन वृंदा यानी तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है और सुख समृद्धि आती है। इस दिन उपवास भी किया जाता है। इसके अलावा मंदिरों और घरों में तुलसी विवाह समारोह का भी आयोजन किया जाता है। इस साल तुलसी विवाह 13 नवंबर यानी आज मनाया जा रहा है, ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा की सरल विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
तुलसी विवाह की सरल विधि—
आपको बता दें कि तुलसी विवाह के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्रों को धारण करें इसके बाद भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें अब पूजा के स्थान को गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें। इसके बाद चौकी पर साफ वस्त्र बिछाएं और एक कलश में गंगाजल भरकर उसमें आम के पांच पत्ते डालें। अब इसे पूजा के स्थान पर रख दें।
चौकी पर तुलसी का पौधा और शालिग्राम जी को विराजमान करें। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं। चंदन का टीका लगाएं और तुलसी माता को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें उन्हें लाल रंग की चुनरी पहनाएं। अंत में विधिवत आरती व पूजा करें मंत्रों का जाप करें। माता को प्रिय फल और मिठाई का भोग चढ़ाएं। इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें।