जयपुर एस्ट्रो डेस्क: भोलेनाथ की आराधना व उपासना के लिए सबसे खास श्रावण मास को माना गया हैं और इसके साथ शिव से जुड़े हुए कई अहम व्रत भी शुरू हो चुके हैं भक्त पहला सावन सोमवार, मंगला गौरी व्रत कर चुके हैं इस महीने में एक और अहम व्रत पड़ रहा हैं

वो है सावन शिवरात्रि व्रत, इस महीने में एक और अहम व्रत पड़ता हैं, वो है सावन शिवरात्रि। वैसे तो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती हैं मगर फाल्गुन महीने और सावन महीने की शिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण होती हैं

फाल्गुन महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं और सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता हैं, तो आज हम आपको सावन शिवरात्रि व्रत और मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

इस साल भी सावन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।, जो कि सात अगस्त को हैं इस दिन व्रत रखने से शिव जी प्रसन्न होते हैं साथ ही इस व्रत का पारण महाशिवरात्रि की तरह अगले दिन किया जाता हैं

इस साल सावन महीने की शिवरात्रि 6 अगस्त को शाम 6:28 मिनट से शुरू होगी और 7 अगसत को शाम 7:11 तक रहेगी। वही व्रत का पारण 8 अगस्त को सुबह 5:46 से दोपहर 3:45 मिनट कर सकेंगे।

हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया हैं कि श्रावण शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में करना शुभ होता हैं इस बार निशिता काल सात अगस्त की रात 12:6 मिनट से 12:48 मिनट तक यानी कि 43 मिनट का रहेगा। इस दौरान पूजा करना उत्तम होगा।

व्रती को इस दिन सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए इसके अलावा शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें। निशिता काल में शिव की विधि पूर्वक पूजा करें साथ ही गरीबों और कन्याओं को दूध का दान करें इससे मासिक तनाव दूर होता हैं और चंद्रमा शुभ फल देने लगता हैं। 

