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Rukmini Ashtami 2024 रुक्मिणी अष्टमी पर कैसे करें पूजा अनुष्ठान? यहां देखें संपूर्ण पूजा विधि

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन रुक्मिणी अष्टमी को खास माना जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और उपवास भी रखा जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से देवी कृपा प्राप्त होती है।

Rukmini ashtami 2024 puja vidhi and importance

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी रुक्मिणी माता लक्ष्मी का ही रूप हैं इनकी पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस साल रुक्मिणी अष्टमी का त्योहार 23 दिसंबर को मनाया जाएगा। हम आपको पूजा की संपूर्ण विधि बता रहे हैं। 

Rukmini ashtami 2024 puja vidhi and importance

रुक्मिणी अष्टमी की तारीख और मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 23 दिसंबर को शाम 5 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार रुक्मिणी अष्टमी का पर्व 23 दिसंबर को मनाया जाएगा। इस पावन दिन भगवान कृष्ण के साथ देवी रुक्मिणी की पूजा करना लाभकारी होगा। 

आपको बता दें कि रुक्मिणी अष्टमी को रुक्मिणी जयंती के नाम से भी जाना जाता है जो कि हिंदू चंद्र माह पौष में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाया जाता है। इस पर्व को देवी रुक्मिणी के जन्म लेने के उत्सव में मनाया जाता है। 

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रुक्मिणी अष्टमी पर ऐसे करें पूजा-
आपको बता दें कि इस शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें फिर पूजा स्थल की साफ सफाई करके भगवान श्री कृष्ण और देवी रुक्मिणी की प्रतिमा स्थापित करें। अब दक्षिणावर्ती शंख से भगवान कृष्ण और रुक्मिणी का विधिवत अभिषेक करें। अभिषेक के लिए शंख में केसर युक्त दूध का ही प्रयोग करें। साथ ही पंचोपचार विधि से पूजा करें। फिर रुक्मिणी जी को लाल वस्त्र, इत्र, हल्दी और कुमकुम अर्पित करें अब दूध, दही, घी और शहद को मिलाकर भगवान को भोग लगाएं। 

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