Samachar Nama
×

कालाष्टमी पर आज करें इस स्तोत्र का पाठ, होगी मनोकामना पूरी 

www.samacharnama.com

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन कालाष्टमी व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान कालभैरव की विधिवत पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है

kalashtami vrat 2025 recite kaal bhairav ashtakam to get blessings

मान्यता है कि ऐसा करने से कालभैरव का आशीर्वाद मिलता है, साथ ही धन धान्य में वृद्धि होती है। आज यानी 21 जनवरी दिन मंगलवार को जनवरी को पहला कालाष्टमी व्रत किया जा रहा है, इस दिन पूजा पाठ के समय श्री कालभैरव स्तोत्र का पाठ जरूर करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करने से सारी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं यह चमत्कारी स्तोत्र। 

kalashtami vrat 2025 recite kaal bhairav ashtakam to get blessings

श्री कालभैरव स्तोत्र पाठ—

ओम महाकाल भैरवाय नम:
जलद् पटलनीलं दीप्यमानोग्रकेशं, त्रिशिख डमरूहस्तं चन्द्रलेखावतंसं!
विमल वृष निरुढं चित्रशार्दूलवास:, विजयमनिशमीडे विक्रमोद्दण्डचण्डम्!!

सबल बल विघातं क्षेपाळैक पालम्, बिकट कटि कराळं ह्यट्टहासं विशाळम्!
करगतकरबालं नागयज्ञोपवीतं, भज जन शिवरूपं भैरवं भूतनाथम्!!
यं यं यं यक्ष रूपं दशदिशिवदनं भूमिकम्पायमानं।
सं सं सं संहारमूर्ती शुभ मुकुट जटाशेखरम् चन्द्रबिम्बम्।।
दं दं दं दीर्घकायं विकृतनख मुखं चौर्ध्वरोयं करालं।
पं पं पं पापनाशं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।1

रं रं रं रक्तवर्ण कटक कटितनुं तीक्ष्णदंष्ट्राविशालम्।
घं घं घं घोर घोष घ घ घ घ घर्घरा घोर नादम्।।
कं कं कं काल रूपं घगघग घगितं ज्वालितं कामदेहं।
दं दं दं दिव्यदेहं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।2

kalashtami vrat 2025 recite kaal bhairav ashtakam to get blessings

लं लं लं लम्बदंतं ल ल ल ल लुलितं दीर्घ जिह्वकरालं।
धूं धूं धूं धूम्र वर्ण स्फुट विकृत मुखं मासुरं भीमरूपम्।।
रूं रूं रूं रुण्डमालं रूधिरमय मुखं ताम्रनेत्रं विशालम्।
नं नं नं नग्नरूपं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।3

वं वं वं वायुवेगम प्रलय परिमितं ब्रह्मरूपं स्वरूपम्।
खं खं खं खड्ग हस्तं त्रिभुवननिलयं भास्करम् भीमरूपम्।।
चं चं चं चालयन्तं चलचल चलितं चालितं भूत चक्रम्।
मं मं मं मायाकायं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।4।।

खं खं खं खड्गभेदं विषममृतमयं काल कालांधकारम्।
क्षि क्षि क्षि क्षिप्रवेग दहदह दहन नेत्र संदिप्यमानम्।।
हूं हूं हूं हूंकार शब्दं प्रकटित गहनगर्जित भूमिकम्पं।
बं बं बं बाललील प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।5।।

ओम तीक्ष्णदंष्ट्र महाकाय कल्पांत दहन प्रभो!
भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातु महर्षि!!

kalashtami vrat 2025 recite kaal bhairav ashtakam to get blessings

Share this story