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Raksha Bandhan 2025: इस बार बनेगा 297 साल में पहली बार ऐसा महासंयोग, जानें किस घड़ी में राखी बांधना होगा सबसे शुभ

Raksha Bandhan 2025: इस बार बनेगा 297 साल में पहली बार ऐसा महासंयोग, जानें किस घड़ी में राखी बांधना होगा सबसे शुभ

इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को है। शनिवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन सुबह से दोपहर 2.24 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद भी पूरे दिन शुभ योग रहेगा। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का कोई असर नहीं रहेगा, यानी बहनें दिन में कभी भी अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, जब भद्रा पृथ्वी पर होती है, तो शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस बार ऐसी स्थिति नहीं रहेगी। इसलिए बहनें पूरे दिन रक्षा सूत्र बांध सकती हैं। इतना ही नहीं, इस बार ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि से भी यह बहुत ही दुर्लभ और शुभ दिन होगा। ऐसा संयोग कई साल पहले बना था। धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि 9 अगस्त, शनिवार को श्रवण नक्षत्र रहेगा। 

इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेगा, जिसकी स्वामिनी शनि हैं और शनिवार के स्वामी भी शनि ही हैं। श्रवण नक्षत्र स्वयं शनि की राशि में आता है और शास्त्रों के अनुसार श्रवण नक्षत्र के स्वामी भगवान विष्णु हैं जबकि सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मा हैं। इसलिए यह पर्व ब्रह्मा-विष्णु की उपस्थिति में मनाया जाएगा, जो इसे आध्यात्मिक दृष्टि से और भी पवित्र बनाता है। उन्होंने बताया कि इस दिन सूर्य कर्क राशि में, चंद्रमा मकर राशि में, मंगल कन्या राशि में, बुध कर्क राशि में, बृहस्पति और शुक्र मिथुन राशि में, राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में रहेंगे।

धर्म विशेषज्ञ ने बताया कि सुबह 7:37 से 9:16 तक शुभ चौघड़िया रहेगा। शाम 12:32 से 5:27 तक चर, लाभ और अमृत चौघड़िया रहेगा। इसके अलावा दोपहर 11:50 से 12:45 तक अभिजीत नामक शुभ मुहूर्त भी रहेगा। इसमें बहनें रक्षा सूत्र बांधकर अपने भाई की लंबी उम्र की कामना कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा नहीं रहेगी। इसलिए पूरे दिन में कभी भी राखी बाँधी जा सकती है, पूरा दिन शुभ रहेगा। रक्षाबंधन हमारा विशेष त्यौहार है, इस दिन सबसे पहले अपने ईष्ट देव को रक्षाबंधन अर्पित करना चाहिए। उसके बाद घर पर स्वस्तिक बनाकर परिवार के साथ सामूहिक रूप से रक्षाबंधन करना चाहिए, इससे समृद्धि आती है।

297 साल बाद राखी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढन ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर 297 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार, भद्रा में राखी नहीं बाँधी जाती है। इस बार भद्रा पृथ्वी पर नहीं होगी। इसलिए सुबह से दोपहर 2:24 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस दिन ग्रहों की स्थिति विशेष रहेगी। सूर्य कर्क राशि में रहेगा। चंद्रमा मकर राशि में, मंगल कन्या राशि में, बुध कर्क राशि में, बृहस्पति और शुक्र मिथुन राशि में, राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में रहेंगे। ऐसा संयोग 1728 में बना था। तब भी भद्रा पृथ्वी पर नहीं थी और ग्रहों की स्थिति यही थी। इस बार भी यही संयोग बन रहा है। यह समय शुभ कार्यों के लिए अच्छा रहेगा।

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