ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा हैं पूरे नौ दिनों तक बड़े ही धूम धाम के साथ यह त्योहार मनाया जाता है। मगर इस साल तृतीया और चतुर्थी तिथि एक दिन पड़ने से नवरात्रि का पर्व आठ दिनों का ही हैं आज यानी नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तृतीया और चतुर्थ स्वरूप की विधि विधान से पूजा की जाएगी।

नवरात्रि के तीसरे दिन देवी मां के तीसरे रूप चंद्रघंटा का पूजन किया जाता हैं देवी मां चंद्रघंटा के सिर पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र नजर आता हैं यही कारण है कि माता के भक्त उन्हें चंद्रघंटा कहकर बुलाते हैं देवी मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह हैं माता की दस भुजाएं और तीन आंखें, आठ हाथों में खड्ग, बाण आदि अस्त्र शस्त्र हैं इसके अलावा देवी मां अपने दो हाथों से अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

पढ़ें मां चंद्रघंटा की आरती—
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।

मां कूष्मांडा का स्वरूप—
मां दुर्गा का चतुर्थ रूप श्री कूष्मांडा माता का हैं अपने उदर से अंड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से पुकारा जाता हैं नवरात्रि के चतुर्थ दिन इनकी पूजा की जाती हैं श्री कूष्मांडा की उपासना से भक्तों के सभी रोग शोक नष्ट हो जाते हैं इनकी आराधना से मनुष्य त्रिविध ताप स मुक्त होता है। देवी मां कुष्माण्डा हमेशा अपने भक्तों पर कृपा करती हैं इनकी पूजा करने से ह्रदय को शांति और लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं।

माता कूष्मांडा आरती—
चौथा जब नवरात्र हो, कूष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्मांड यह, पूजन है उनका
आद्य शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप।
इस शक्ति के तेज से कहीं छांव कहीं धूप॥
कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार।
पेठे से भी रीझती सात्विक करें विचार॥
क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार।
उसको रखती दूर मां, पीड़ा देती अपार॥
सूर्य चंद्र की रोशनी यह जग में फैलाए।
शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥
नवरात्रों की मां कृपा कर दो मां
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां॥
जय मां कूष्मांडा मैया।
जय मां कूष्मांडा मैया॥


