ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में नवरात्रि व्रत को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आज द्वितीय नवरात्रि हैं नवरात्रि के दूसरे दिन मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती हैं मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण किए हैं और दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडली लिए सुशोभित हैं मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पतिरूप में पाने के लिए कठोर तप किया था, जिस वजह से माता को तपश्चारिणी यानी ब्रह्मचारिणी नाम से जाना जाता हैं
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सर्वसिद्धि प्रापत होती हैं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प प्रिय हैं नवरात्रि के दूसरे दिन मां को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प अर्पित करें। तो आज हम आपको माता की पूजन विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए माता की पूजन विधि—
नवरात्रि के दिन दूसरे दिन घर के मंदिर में दीपक जलाना चाहिए इसके बाद देवी मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए अब माता को जल अर्पित करें। माता को अक्षत, सिंदूर और लाल पुष्प जरूर अर्पित करें प्रसाद के रूप में फल और मिठाई देवी मां को चढ़ा सकते हैं धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए और माता की आरती भी पढ़नी चाहिए।

देवी मां को भोग भी जरूर लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि मां ब्रह्मचारिणी को केवल सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता हैं। आपको बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी को नवरात्रि के दूसरे दिन चीनी का भोग लगाना चाहिए मान्यता है कि ऐसा करने से दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंजन जरूर अर्पित करें।

मां ब्रह्मचारिणी की इन शुभ मुहूर्त में करें पूजा—
ब्रह्म मुहूर्त- 04:39 ए एम से 05:29 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:45 ए एम से 12:32 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:05 पी एम से 02:52 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:47 पी एम से 06:11 पी एम
अमृत काल- 11:00 ए एम से 12:27 पी एम
निशिता मुहूर्त- 11:44 पी एम से 12:33 ए एम, अक्टूबर 09
रवि योग- 06:59 पी एम से 06:18 ए एम, अक्टूबर 09


