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शारदीय नवरात्रि: जाने माता कूष्मांडा के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

जयपुर। नवरात्रि में देवी के अलग अलग स्वरुप की पूजा की जाती है। आज देवी के चौथे स्वरुप जिनकी पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती हैं जो माता दुर्गा की चौथी शक्ति भी मानी जाती है यानि आज मां कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि माता कूष्मांडा त्रिवीधताप
शारदीय नवरात्रि: जाने माता कूष्मांडा के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

जयपुर। नवरात्रि में देवी के अलग अलग स्वरुप की पूजा की जाती है। आज देवी के चौथे स्वरुप जिनकी पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती हैं जो माता दुर्गा की चौथी शक्ति भी मानी जाती है यानि आज मां कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि माता कूष्मांडा त्रिवीधताप युक्त संसार इनके उदर मे स्थित है, इसलिए इनका नाम “कूष्मांडा” पड़ा। इसके साथ ही इनकी मुस्कान से ब्रहमाड की उत्पत्ति की शक्ति प्राप्त होती है इन्हेंने ब्रह्मांड की रचना भी की थी।

शारदीय नवरात्रि: जाने माता कूष्मांडा के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

माता कूष्मांडा की पूजा इस मंत्र से की जाती है

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शारदीय नवरात्रि: जाने माता कूष्मांडा के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

माता कूष्मांडा का स्वरूप

माता कूष्मांडा के स्वरुप के बारे मे कहा जाता है कि इनकी आठ भुजाए हैं जिसके कारण इनको अष्टभुजा देवी के नाम से भी जानी जाती है।  इनके हाथो मे कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। इनके आठ वे हाथ मे सिद्धी और निधि को देने वाली जपमाला है। इनकी सवारी सिंह है।

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माता कूष्मांडा पूजा का महत्व

माता कूष्मांडा की पूजा करने भक्त के सारे रोग दूर होते है। इनकी पूजा करने से  आयु, यश, बल ओर आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही जो भी इनकी शरण में आता है उसे परमपद की प्राप्ति होती है। इनकी कृपा से व्यवसाय मे वृद्धि व उन्नति होती है इसके साथ आय के नये रास्ते बनते हैं।

शारदीय नवरात्रि: जाने माता कूष्मांडा के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

माता चंद्रघंटा की पूजा में प्रयोग वस्तु

माता कूष्मांडा की पूजा में इनको मालपुए का प्रसाद अर्पित किया जाता है, इसका ही दान ब्राह्मण को भी किया जाता है।

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