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Chaitra Navratri 2024 मनचाहा वर पाने के लिए आज जरूर करें ये काम, माता का मिलेगा शीघ्र आशीर्वाद 

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: आज यानी 16 अप्रैल दिन मंगलवार को चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी मनाई जा रही है जो कि मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की साधना आराधना को समर्पित होता है इस दिन भक्त देवी साधना में लीन रहते हैं और पूजा पाठ आदि करते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है। 

Chaitra navratri 2024 recite mangala gauri stotram on mahashthmi

लेकिन इसी के साथ ही अगर आज महाष्टमी के पावन दिन पर मंगला गौरी स्तुति का पाठ श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाए तो तो सारी परेशानियां दूर हो जाती है और मनचाहा वर भी मिलता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ। 

Chaitra navratri 2024 recite mangala gauri stotram on mahashthmi

यहां पढ़ें मंगला गौरी की स्तुति—

जय जय गिरिराज किसोरी।

जय महेस मुख चंद चकोरी॥

जय गजबदन षडानन माता।

जगत जननि दामिनी दुति गाता॥

देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।

सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥

मोर मनोरथ जानहु नीकें।

बसहु सदा उर पुर सबही के॥

कीन्हेऊं प्रगट न कारन तेहिं।

अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥

बिनय प्रेम बस भई भवानी।

खसी माल मुरति मुसुकानि॥

सादर सियं प्रसादु सर धरेऊ।

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बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ॥

सुनु सिय सत्य असीस हमारी।

पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥

नारद बचन सदा सूचि साचा।

सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥

मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।

करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियं हरषीं अली।

तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥

मंगला गौरी स्तोत्र
ॐ रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके ।

हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके ॥

हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके ।

शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके ॥

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मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले ।

सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये ॥

पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते ।

पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम् ॥

मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले।

संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम् ॥

देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः।

प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे ॥

तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम् ।

वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने ॥

मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले ।

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