
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी यानी आज मनाई जा रही है इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ करना उत्तम माना जाता है लेकिन आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि अमावस्या पर स्नान के दौरान किन कार्यों को नहीं करना चाहिए वरना कोई फल प्राप्त नहीं होता है तो आइए जानते हैं।
स्नान के समय न करें ये काम—
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का स्नान करने से पहले मन, वाणी और शरीर को पवित्र करने का संकल्प करें। स्नान के लिए सबसे पहले पवित्र नदी में अपने हाथों में जल लेकर अर्पित करें और सिर पर डाले उसके बाद ही संग में प्रवेश करें। माना जाता है कि किसी भी पवित्र नदी में स्नाान करने के लिए सबसे पहले पैर नहीं डालना चाहिए।
ऐसा करने से पुण्य नहीं मिलता है। स्नान करने से पहले हाथ जोड़कर भगवान सूर्यदेव को प्रणाम करें और डुबकी लगाते समय भगवान का ध्यान करें इसके बाद संगम में स्नान के समय भक्तों को साबुन या शैंपू का प्रयोग भूलकर भी न करें। इससे जल अशुद्ध हो जाता है संगम में स्नान के दौरान पांच से कम डुबकी नहीं लगानी चाहिए।