मकर संक्रांति पर भगवान सूर्यदेव को किस विधि से अर्घ्य दें, जानें सही नियम
ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन मकर संक्रांति को बहुत ही खास माना जाता है जो कि सूर्य को समर्पित दिन होता है इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ का विशेष विधान होता है मान्यता है कि मकर संक्रांति के पावन दिन सूर्य साधना करने से आरोग्यता का वरदान मिलता है और दुख संकट में कमी आती है।
इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस पावन दिन भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है और करियर कारोबार में तरक्की होती है तो आज हम आपको मकर संक्रांति पर भगवान सूर्यदेव की पूजा विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मकर संक्रांति पर इस विधि से दें अर्घ्य—
आपको बता दें कि मकर संक्रांति के शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद तांबे के लोटे में जल भरे और उसमें लाल पुष्प, कुमकुम, अक्षत, गुड़ और तिल मिलाएं। इसके बाद जल को उपर उठाकर सूर्यदेव की ओर करते हुए मंत्रों का जाप जरूर करें।
ॐ सूर्याय नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ गायत्री मंत्र
भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें और ध्यान रखें कि जल की धारा सीधी सूर्य पर पड़े। अर्घ्य देने के बाद भगवान सूर्यदेव को ध्यान पूर्वक दर्शन करें। फिर अपनी जगह पर तीन बार घूमें, यह सूर्यदेव की परिक्रमा के समान माना जाता है आखिर में सूर्यदेव की आरती करें।