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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है। पंचांग के अनुसार अभी चैत्र मास चल रहा है और हिंदू नव वर्ष की पहली सोमवती अमावस्या है जो कि 8 अप्रैल को पड़ रही है।
यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अगर पितरों के निमित्त तर्पण श्राद्ध किया जाए तो उनका आशीर्वाद मिलता है और पूर्वजों की कृपा से सभी बिगड़े काम बनने लग जाते हैं इसके अलावा सोमवती अमावस्या के दिन अगर कुछ खास जगहों पर दीपक जलाया जाए तो साधक की सारी मनोकामना पूरी हो जाती है तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
यहां जलाएं दीपक—
ज्योतिष अनुसार सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है ऐसे में इस दिन कच्चे दूध में दही, शहद मिलाकर शिव का अभिषेक करें और चौमुखी घी का दीपक जलाएं ऐसा करने से कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है साथ ही सभी बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और शाम के समय वहां पर तेल का दीपक जलाएं। और पीपल के नीचे बैठकर पितृ सूक्त का पाठ करें ऐसा करने से पितर प्रसन्न हो जाते हैं और दरिद्रता का नाश होता है।
अमावस्या पर सूर्यास्त के बाद नदी में आटे से बने दीपक को प्रवाहित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से मनोकामना शीघ्र पूरी हो जाती है। सोमवती अमावस्या पर हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें ऐसा करने से शत्रुओं का विनाश होता है और शनि दोष से भी राहत मिल जाती है।