Samachar Nama
×

Rangbhari Ekadashi 2025 पर कैसे करें पूजा? जान लीजिए सरल विधि और नियम 

www.samacharnama.com

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन रंगभरी एकादशी को बेहद ही खास माना गया है जो कि फाल्गुन माह में पड़ती है यह तिथि भगवान शिव और श्री हरि विष्णु को समर्पित है मान्यता है कि रंगभरी एकादशी पर इनकी पूजा अर्चना करने से भक्तों को सुख समृद्धि का वरदान मिलता है।

पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रंगभरी एकादशी या आमलकी एकादशी मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन व्रत पूजन करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन के सारे दुख परेशानियां भी दूर हो जाती है। इस साल रंगभरी एकादशी का पर्व 10 मार्च को मनाया जाएगा, तो आज हम आपको पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

रंगभरी एकादशी पूजा विधि—
आपको बता दें कि रंगभरी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें इसके बाद मंदिर की अच्छी तरह से साफ सफाई करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी, साथ ही शिव पार्वती की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक करें।

देवी देवताओं को पुष्प, फल, चंदन, मिठाई और अक्षत अर्पित करें अब हाथ जोड़कर व्रत पूजन का संकल्प करें। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं। रंगभरी एकादशी के दिन व्रत पूजा के समय व्रत कथा का पाठ जरूर करें। अंत में देवी देवताओं की आरती करके पूजा का समापन करें। 

Rangbhari ekadashi 2025 puja vidhi and importance

रंगभरी एकादशी पूजा मुहूर्त—
एकादशी तिथि पर सूर्योदय सुबह 6 बजकर 44 मिनट। अभिजीत मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 1 बजे तक रहेगा। वही अमृत काल मुहूर्त शाम को 6 बजकर 12 मिनट से लेकर 7 बजकर 52 मिनट तक होगा। ब्रह्म मुहूर्त प्रात: काल में 5 बजकर 7 मिनट से लेकर 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। वही व्रत का पारण 11 मार्च को सुबह 6 बजकर 35 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट के बीच किया जाएगा। 

Rangbhari ekadashi 2025 puja vidhi and importance

Share this story