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कार्तिक पूर्णिमा पर आज कैसे दें चंद्रमा को अर्घ्य? यहां जानें सरल विधि

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है पंचांग के अनुसार अभी कार्तिक माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है

Kartik purnima 2024 arghya vidhi and significance

मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान व पूजा पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और देवी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर दिन शुक्रवार यानी कल मनाई जा रही है इसी दिन देव दीपावाली और गंगा स्नान भी किया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है, इसके अलावा इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से सुख समृद्धि बढ़ती है तो आज हम आपको सरल विधि बता रहे हैं। 

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चंद्रमा को इस विधि से दें अर्घ्य—
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान आदि करें इसके बाद वस्त्र धारण कर एक स्टील का लोटा लेकर उसमें शुद्ध जल भरें और गंगाजल भी मिलाएं। इसके बाद कुछ बूंदे दूध की मिलाएं फिर जल वाले लोटे पर स्वास्तिक बनाकर लोटे के उपरी भाग पर कलावा बांधें। इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय अर्घ्य अर्पित करें।

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अर्घ्य देने से पहले एक परात जमीन पर रख दें। क्योंकि चंद्रमा को अर्घ्य देने वाला जल पैरों पर नहीं गिरना चाहिए। अर्घ्य देते समय चंद्र देव के मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। फिर चंद्रमा के निमित्त घी का दीपक जलाएं और आरती गाएं। परात में गिरे जल को पीपल के पेड़ की जड़ में अर्पित कर दें। मान्यता है कि इस विधि से चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करने से चंद्र देव की कृपा बनी रहती है। 

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