
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू पंचांग का आखिरी महीना यानी फाल्गुन आरंभ हो चुका है और इस महीने में कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें होली भी प्रमुख है। होली का त्योहार रंगों का पर्व माना गया है इस शुभ दिन पर लोग एक दूसरे को रंग लगाकर शुभकामनाएं देते हैं। इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा।
होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जो कि इस बार 13 मार्च को पड़ रही है। होलिका दहन पर इस बार भद्रा का साया रहेगा जिसके कारण होली दहन के लिए कुल 1 घंटे का समय भक्तों को प्राप्त हो रहा है, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा होलिका दहन की सरल विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
होलिका दहन पूजा विधि—
होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले लोटे में लिए जल को होलिका दहन वाले उस स्थान पर छिड़क दें। जहां पर आप उनकी पूजा करने जा रहे हैं ऐसा करने से उस स्थान की भूमिक शुद्ध हो जाएगी। इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उसके बाद होलिका की हल्दी, रोली, अक्षत, कुमकुम, फल पुष्प, मिष्ठान आदि अर्पित करें इसके बाद होलिका की सात बार परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत लपेटें।
इसके बाद उपलों की माला अर्पित करें और जब होलिका की आग जल जाए तो सबसे अंत में नारियल को काटकर उसमें थोड़ा काला तिल डालकर सिर पर सात बार वार लें और उसे जलती हुई होलिका में डाल दें और एक बार फिर जलती हुई होलिका की सात बार परिक्रमा करें। अंत में होलिका की राख ठंडी होने पर उसे अपने घर लें आएं और माथे पर प्रसाद के स्वरूप धारण करें। माना जाता है कि इस विधि से पूजा करने से पूर्ण फलों की प्राप्ति होती है।