Samachar Nama
×

आज है लट्ठमार होली, जानें बरसाना की लठमार होली में क्यों नहीं लगती चोट

www.samacharnama.com

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: होली का पावन पर्व आने में अब कुछ ही दिन शेष है इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन मथुरा वृंदावन में होली का उत्सव काफी पहले से आरंभ हो जाता हैं जिसमें अलग अलग तरह की होली खेली जाती है।

आज यानी 8 मार्च दिन शनिवार को बरसाना की लट्ठमार होली है जिसमें लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की नवमी तिथि का आरंभ 7 मार्च को सुबह 9 बजकर 18 मिनट से हो चुका है और इसका समापन 8 मार्च को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार इस बार 8 मार्च को ही बरसाना की लट्ठमार होली खेली जा रही है। ऐसे में हम आपको लट्ठमार होली से जुड़ी विशेष बातें बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

हर साल होली के पहले मथुरा और बरसाने के गांवों में लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता है इस उत्सव में नंदगांव के पुरुष हुरियारे और बरसाने की महिलाएं हुरियारिन भाग लेती हैं। पुरुष ढाल लेकर आते हैं जबकि महिलाएं लाठियों से उन पर प्रहार करती है।

barsana lathmar holi 2025 date significance and interesting facts

इस दौरान विशेष ब्रज गीत भी गाए जाते हैं और वातावरण में रंगों की छटा छा जाती है। लट्ठमार होली के मौके पर लोग भांग और ठंडाई का आनंद भी उठाते हैं। गांवभर में कीर्तन मंडलिया घूमती हैं और राधा कृष्ण के भजन गाए जाते हैं। 

barsana lathmar holi 2025 date significance and interesting facts

लट्ठमार होली में क्यों नहीं लगती चोट—
मान्यता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण ब्रज छोड़कर जा रहे थे तब उन्होंने राधा रानी को कई वजन दिए थे। इन्हीं वचनों में से एक यह भी था कि जो भी कोई व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव और प्रेम से बरसाना में लट्ठमार होली खेलना चाहेगा या फिर लट्ठमार होली को देखने का आंनद उठाने की इच्छा रखेगा। उसे कभी शारीरिक चोट नहीं लगेगी। यही कारण है कि लट्ठमार होली में कभी किसी को चोट नहीं लगती है। 

barsana lathmar holi 2025 date significance and interesting facts

Share this story