अंगारकी संकष्टी चतुर्थी आज, इन मुहूर्त में भूलकर भी न करें भगवान गणेश की पूजा
जयपुर एस्ट्रो डेस्क: आज यानी 27 जुलाई दिन मंगलवार को संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जा रहा हैं मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी कहा जाता हैं संकष्टी चतुर्थी का मतलब है

संकट को हरने वाली चतुर्थी इस दिन भक्त श्री गणेश की विधि पूर्वक पूजा करते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं

हर मास की पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता हैं जबकि अमावस्या के बाद की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम स जानते हैं हर मास में दो बार चतुर्थी व्रत रखा जाता हैं

तो आज हम आपको संकष्टी चतुर्थी के अशुभ मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं, इन मुहूर्त में पूजा करना अच्छा नहीं माना जाता हैं, तो आइए जानते हैं।

अंगारकी संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त—
चतुर्थी तिथि 27 जुलाई को शाम 03 बजकर 54 मिनट से शुरू हो कर 28 जुलाई दोपहर 02 बजकर 16 मिनट तक रहेगी।
चंद्रमा का समय—
चन्द्रोदय - Jul 27 9:50 PM
चन्द्रास्त - Jul 28 9:40 AM

अंगारकी चतुर्थी का अशुभ मुहूर्त—
राहुकाल— दोपहर 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक।
यमगंड— सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक।
गुलिक काल— दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक।
दुर्मुहूर्त काल— सुबह 08 बजकर 23 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक। इसके बाद रात 11 बजकर 25 मिनट से 28 जुलाई सुबह 12 बजकर 07 तक।

मान्यताओं के मुताबिक संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की विधि पूर्वक पूजा करने से भक्तों की सभी बाधाएं दूर होती हैं शास्त्रों में श्री गणेश भगवान को विघ्नहर्ता भी कहा जाता हैं संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करना शुभ माना जाता हैं चंद्रमा को जल देने के बाद ही यह व्रत पूर्ण होता हैं।


