क्या आपको भी लगता है सांप से डर, तो नाग पंचमी पर इस विधि से करें पूजन
जयपुर एस्ट्रो डेस्क: हिंदू धर्म में सांप को पूज्यनीय माना जाता हैं शिव जहां सांप को अपने गले में धारण करते हैं तो वहीं जगत के पालनहार श्री हरि नारायण शेषनाग पर विराजमान हैं मगर सांप एक खतरनाक जीवन होता हैं जिससे लोगों को भय भी लगता हैं

लोगों के मन में इस डर को निकालने और धरती पर नागों की महत्ता बताते हुए उनके संरक्षण का संदेश देने के लिहाज से हर साल नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता हैं नाग पंचमी साावन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता हैं।

इस बार नाग पंचमी 13 अगस्त दिन शुक्रवार यानी की आज मनाई जा रही हैं इस दिन नागों की पूजा का विधान हैं नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से शिव प्रसन्न होते हैं और जातक की हर कामना पूरी हो जाती हैं इसके अलावा सापों से रक्षा होती हैं

काल सर्पदोष का प्रभाव समाप्त हो जाता हैं और सांप का डर मन से निकल जाता हैं गरुड़ पुराण में नाग पंचमी के दिन घर के द्वार के दोनों ओर नाग बनाकर उनका पूजन करने के बारे में बताया गया हैं वहीं स्कन्द पुराण में नाग पंचमी पर नागों का पूजन करने से हर मनोकामना पूरी होने की बात कहीं गई हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

इस दिन नाग देवता के दर्शन करें और उन्हें दूध से स्नान करवाएं। अगर नाग के दर्शन न हो सकें तो नाग की प्रतिमा पर दूध अर्पित करें। किसी सपेरे से नाग नागिन का एक जोड़ा खरीद लें और इस जोड़े को जंगल में जाकर मुक्त कर दें। इससे सापों के भय से मुक्ति मिलने के अलावा काल सर्प योग के प्रभाव कम होते हैं

घर पर या मंदिर में बैठकर नाग गायत्री मंत्र ओम नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात् का कम से कम 108 बार जाप करें। इस दिन पांच नाग बनाकर उनकी पूजा की जाती हैं सुबह उठकर स्नान करें उसके बाद नाग देवता का स्मरण करना चाहिए इसके बाद घर के द्वार के दोनों ओर चांदी, लकड़ी या मिट्टी की कलम से हल्दी और चन्दन की स्याही से फन वाले पांच नाग बना कर पूजन करें।


