
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है, लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में पड़ता है। इस दिन भक्त उपवास आदि रखते हुए भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं माना जाता है कि प्रदोष व्रत शिव साधना को समर्पित है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है और कष्ट दूर हो जाते हैं।
फाल्गुन प्रदोष व्रत में शिव पार्वती की पूजा अर्चना का विधान होता है मान्यता है कि इनकी आराधना समस्याओं का निवारण कर देती हैं। इस बार भौम प्रदोष व्रत 11 मार्च दिन मंगलवार को पड़ रहा है मंगलवार के दिन प्रदोष पड़ने के कारण ही इसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अगर कुछ आसान उपायों को भी किया जाए तो समस्याओं का समाधान हो जाता है और सफलता हासिल होती है तो आइए जानते हैं आसान उपाय।
फाल्गुन प्रदोष की तारीख और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 मार्च को सुबह 8 बजकर 13 मिनट से आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन 12 मार्च को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में फाल्गुन माह का आखिरी प्रदोष व्रत 11 मार्च को किया जाएगा। ज्योतिष अनुसार इस शुभ दिन पर कई दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। जिसमें इस दिन सुकर्मा योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इन शुभ योग में पूजा करने से घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि आती है और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
प्रदोष व्रत पर करें यह उपाय—
ज्योतिष अनुसार प्रदोष व्रत के दिन गन्ने के रस से भगवान शिव अभिषेक जरूर करें माना जाता है कि ऐसा करने से बुध देव प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी कृपा से करियर कारोबार में मनचाही सफलता हासिल होती है और आर्थिक समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है।
जीवन में सुख समृद्धि पाने के लिए प्रदोष के दिन दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें इससे महादेव प्रसन्न हो जाती है और उनकी कृपा बरसती है साथ ही कुंडली में शुक्र ग्रह भी मजबूत होता है। अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो भौम प्रदोष के दिन शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होगा और हनुमान जी की कृपा बरसेगी।