
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि पर पितरों को निमित्त श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करना लाभकारी माना जाता है लेकिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं जिन्हें इस दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना नकारात्मकता घर में प्रवेश करती हैं, तो आज हम आपको इन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
अमावस्या के दिन न करें ये काम—
आपको बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी वाद विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मकता प्रभावित होती है और परिवार के लोगों को कष्ट उठाना पड़ता है इसके अलावा इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए और न ही किसी को अपशब्द कहना चाहिए ऐसा करने से पूर्वज नाराज़ रहते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए। ऐसा करने से दरिद्रता बढ़ती है। अमावस्या तिथि पर पितरों को बुरा भला नहीं कहना चाहिए न ही उनका अपमान करें ऐसा करने से जीवनभर दुख झेलना पड़ सकता है इस दिन घर आए गरीब को खाली हाथ नहीं जाने देना चाहिए बल्कि कुछ न कुछ दान जरूर करें।