Samachar Nama
×

देवउठनी एकादशी पर न करें इन नियमों की अनदेखी, लगेगा भयंकर पाप, मां लक्ष्मी होंगी नाराज़

www.samacharnama.com

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि साल में 24 बार पड़ता है जिसमें कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को बेहद ही महत्वपूर्ण बताया गया है जो कि देवउठनी एकादशी के नाम से जानी जाती है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना का विधान होता है देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है

Dev uthani ekadashi 2024 rules and importance

इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु पूरे चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं। प्रभु के जागने के बाद एक बार फिर से सभी शुभ कार्यों का आरंभ हो जाता है। इस साल देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इस दिन से जुड़े नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

Dev uthani ekadashi 2024 rules and importance

देवउठनी एकादशी के नियम—
आपको बता दें कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना करना लाभकारी माना जाता है इस दिन कई कार्य ऐसे हैं जिन्हें करना वर्जित बताया गया है। एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए इस दिन मांस मदिरा आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। इस दिन लहसुन प्याज का भी सेवन नहीं करना चाहिए। 

Dev uthani ekadashi 2024 rules and importance

साल की सबसे बड़ी एकादशी देवउठनी एकादशी के दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह होता है इसलिए इस शुभ दिन पर तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए इनकी मनाही होती है ऐसा करने से पाप लग सकता है। एकादशी के दिन किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए। इससे माता लक्ष्मी क्रोधित हो सकती है और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

Dev uthani ekadashi 2024 rules and importance

Share this story