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Amla navami vrat katha: आंवला नवमी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी या अक्षय नवमी मनाया जाता हैं इस साल आंवला नवमी 23 नवंबर दिन सोमवार यानी की आज मनाई जा रही हैं और आज के दिन लोग आंवला के पेड़ की पूजा करते हैं मान्यता है कि इस दिन आंवला के पेड़
Amla navami vrat katha: आंवला नवमी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी या अक्षय नवमी मनाया जाता हैं इस साल आंवला नवमी 23 नवंबर दिन सोमवार यानी की आज मनाई जा रही हैं और आज के दिन लोग आंवला के पेड़ की पूजा करते हैं मान्यता है कि इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने से सेहत अच्छी रहती हैं। Amla navami vrat katha: आंवला नवमी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथाकई जगहों पर आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर ही इस दिन भोजन ग्रहण किया जाता हैं कहा जाता हैं कि इससे आयु और आरोग्य में वृद्धि होती हैं इस दिन पूजा करने के बाद आंवले को प्रसाद के तौ पर ग्रहण किया जाता हैं आंवला नवमी के दिन कोई भी शुभ काम किया जा सकता हैं इससे अक्षय फल की प्राप्ति होती हैं पूजा के दौरान आंवला नवमी से जुड़ी पौराणिक कथा भी जरूर पढ़नी और सुननी चाहिए। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं आंवला नवमी की कथा, तो आइए जानते हैं।Amla navami vrat katha: आंवला नवमी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

पढ़ें आंवला नवमी व्रत कथा—
आंवला नवमी के दिन एक सेठ ब्राह्मणों को आंवले के पेड़ के नीचे बैठाकर भोजन कराया करता था। साथ ही उन्हें सोना दान ​करता था। यह सब देख सेठ के पुत्रों को अच्छा नहीं लगा। यह देख वो अपने पिता से बहुत झगड़ा करते थे। रोज रोज की लड़ाई से तंग आकर वो दूसरे गांव में रहने चला गया। जीवनयापन के लिए उसने वहां एक दुकान लगाई। उसी दुकान के आगे सेठ ने एक आंवले का पेड़ लगाया। ईश्वर की कृपा कुछ ऐसी हुई की दुकान खूब चलने लगी।Amla navami vrat katha: आंवला नवमी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

यहां भी उसने अपना नियम नहीं छोड़ा। वह आंवला नवमी का व्रत पूजन करता था और गरीबों को भोजन कराकर दान देता था। दूसरी ओर सेठ के पुत्रों का कारोबार ठप हो गया। उनके बेटों को समझ आने लगा कि वो अपने पिता के भाग्य से ही खाते थे। अपनी गलती समझकर वे अपने पिता के पास गए और अपनी गलती की क्षमा मांगी। फिर पिता के कहे अनुसार उन्होंने आंवले के पेड़ की पूजा करनी शुरू कर दी और दान करने लगे। इसके प्रभाव से सेठ के बेटों के घर पहले की तरह खुशहाली आ गई। Amla navami vrat katha: आंवला नवमी की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

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