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नंदा सप्तमी पर करें भगवान सूर्यदेव की पूजा, दूर होंगे सभी कष्ट

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Nanda saptami vrat 2022 date shubh muhurat suryadev puja and significance

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: धार्मिक तौर पर अगर देखा जाए तो वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है वही मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी ति​थि को नंदा सप्तमी के नाम से जाना जाता है ये दिन सूर्य साधना और उपासना के लिए बेहद ही खास माना जाता है इस पवित्र दिन पर भगवान सूर्यदेव के साथ श्री गणेश और मां नंदा की विधिवत पूजा की जाती है

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मान्यता है कि ऐसा करनेसे तेजस्वी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है नंदा देवी जगह जननी मां पार्वती का ही एक रूप मानी जाती है नंदा सप्तमी पर पूजा पाठ के अलावा दान देना भी बेहद शुभ माना जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इस पर्व से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

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आपको बता दें कि नंदा सप्तमी की व्रत पूजा 30 नवंबर को की जाएगी। पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 29 नवंबर को सुबह 11 बजकर 4 मिनट से आरंभ हो रही है वही अगले दिन 30 नवंबर को सुबह 8 बजकर 58 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। ज्योतिष अनुसार सूर्य सप्तमी तिथि के स्वामी माने जाते हैं इसलिए शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन उगते हुए सूर्य की आराधना व उन्हें जल अर्पित करने की विशेष परंपरा है। Nanda saptami vrat 2022 date shubh muhurat suryadev puja and significance

जानिए नंदा सप्तमी की पूजन विधि—
इस दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कार्यों से निवृतत होकर ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य देव को जल अर्पित करें इसके लिए तांबे के लौटे में लाल पुष्प, लाल चंदन, जल अक्षत डालकर ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र जाप करते हुए सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। वही अगर संभव हो तो इस दिन व्रत जरूर करें सूर्य पूजा के बाद श्री गणेश और देवी नंदा का ध्यान करते हुए माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करें उनसे सुखी वैवाहिक जीवन और परिवार की सुख शांति के लिए प्रार्थना करें इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना भी शुभ माना जाता है वही अगर आप व्रत रख रहे हैं व्रत के दौरान नमक युक्त भोजन ग्रहण न करें। 

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