ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: धार्मिक तौर पर कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व भी होता है इस साल 26 जनवरी दिन गुरुवार को बसंत पंचमी का पर्व देशभर में मनाया जाएगा। ये त्योहार वैसे तो माता सरस्वती की पूजा को समर्पित होता है लेकिन बसंत पंचमी पर कामदेव और रति की पूजा का भी विधान है
मान्यता है कि इस दिन कामदेव और रति की विधि विधान से पूजा करने से अच्छे वर की कामना जल्द पूरी हो जाती है साथ ही विवाह में देरी, अड़चन की समस्याओं का भी समाधान होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कामदेव और रति की पूजा के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है।
बसंत पंचमी पर ऐसे करें कामदेव रति की पूजा—
बसंत पंचमी के दिन सबसे पहले मां सरस्वती की आराधना करें पूजा के बाद कामदेव और रति की एक साथ वाली प्रतिमा या तस्वीर को पूजा स्थल पर सफेद वस्त्र में बिछाकर स्थापित करें इसके बाद शुद्ध और ताजे पुष्प, पीला चंदन, गुलाबी रंग के वस्त्र, इत्र, सौंदर्य सामग्री, सुगंधित धूप या दीपक, पान, सुपारी आदि देवी रति और कामदेव को अर्पित करें फिर जीवन में सुख समृद्धि और प्रेम की कामना करते हुए वैवाहिक जीवन में मधुरता या मनचाहे वर की प्राप्ति व शीघ्र विवाह की कामना से 108 बार इस चमत्कारी मंत्र का जाप करें।
ओम कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।
मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से जातक के चरित्र में सुधार हाता है साथ ही वैवाहिक जीवन में भी मधुरता आती है अगर पति पत्नी के रिश्तों में तनाव है तो ऐसे में बसंत पंचमी के दिन उन्हें साथ मिलकर पूजा करनी चाहिए इससे वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती है।