ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को बेहद ही खास माना जाता है वही श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता ही है नाग पंचमी के दिन नागों की विधि विधान के साथ पूजा की परंपरा है पौराणिक काल में सांपों को देवता की तरह पूजा जाता है ऐसी मान्यता है कि नाग पूजन से सांपों के डसने का भय समाप्त हो जाता है इस दिन विधि विधान के साथ नाग देवता की पूजा की जाती है साथ ही व्रत भी रखा जाता है तो आज हम आपको इस साल कब नाग पंचमी का व्रत रखा जाएगा इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

नाग पंचमी की तिथि और मुहूर्त—
इस साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी 2 अगस्त के दिन पड़ रही है सावन माह की पंचमी तिथि का आरंभ 2 अगस्त सुबह 5 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 3 अगस्त सुबह 5 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार 2 अगस्त के दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त 2 अगस्त सुबह 5:43 मिनट से शुरू होकर सुबह 8:25 मिनट तक होगा।

नाग पंचमी पूजन की विधि—
अगर आप नाग पंचमी का व्रत करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले 8 नाग बना लें। बता दें कि इस दिन अन्नत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा का विधान है। नाग पंचमी का व्रत चतुर्थी तिथि से ही शुरू होता है इस दिन चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें और पंचमी के दिन उपवास किया जाता है शाम के समय भोजन करें। पूजा करते समय नाग देवता की लकड़ी की तस्वीर चौकी पर रख लें और हल्दी, रोली, चावल और फूल अर्पित कर पूजा करें। नाग देवता की पूजा के बाद कच्चे दूध में घी, चीनी मिला लें और नाग देवता को अर्पित करें। पूजा समाप्त होने पर नाग देवता की आरती करें, पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि अगर संभव हो तो नाग को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके दूध पिचाएं।

पूजा के बाद नाग पंचमी की कथा पढ़ें व सुनें। प्राचीन काल से ही नाग को देवता का रूप माना गया है और उनकी पूजा की जाती रही है नाग पंचमी के दिन सभी सांपों की पूजा की जाती है इस दिन नाग देवता की पूजा भक्ति पूर्वक करने से नाग के डसने का भय कम हो जाता है इस दिन नाग को दूध से स्नान करवाने और दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है इस दिन घर के मुख्य द्वार पर नाग की तस्वीर लगाई जाती है मुख्य द्वार पर नाग की तस्वीर लगाने से भक्तों पर नाग देवता की कृपा बनी रहती है।


