ज्योतिष न्यूज़ डेस्क:हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं अभी देशभर में नवरात्रि की धूम मची है इस पर्व को लोग बड़ी उत्साह के साथ मानते हैं नवरात्रि को देवी साधना का महापर्व माना जाता है लेकिन पश्चिम बंगाली में दुर्गा पूजन की रोनक कुछ अलग ही देखने को मिलती है नवरात्रि का पावन पर्व खासकर बंगाली समुदाय के लोगों के लिए अधिक महत्व रखता है

नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की साधना का त्योहार माना जाता है मगर बंगाली लोगों के लिए दुर्गा पूजन पांच दिनों का होता है इस दौरान भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि बंगाली लोगों द्वारा मनाया जाने वाला दुर्गा पूजन कब से आरंभ हो रहा है और इसका महत्व क्या है तो आइए जानते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध पक्ष के समापन के बाद ही महालया से नवरात्रि का शुभारंभ हो जाता है भक्त इन दिनों में माता रानी के लिए व्रत पूजन करते हैं वहीं बंगालियों की दुर्गा पूजा नवरात्रि की षष्ठी तिथि से शुरू होती है और इसका समापन विजयादशमी तिथि यानी की दशहरा वाले दिन हो जाती है इस साल दुर्गा पूजन का शुभारंभ 1 अक्टूबर दिन शनिवार यानी कल से हो रहा है और इसका समापन 5 अक्टूबर को होगा।

ऐसे में भक्त इन पांच दिनों तक माता की विधिवत पूजा करते हैं बंगालियों के लिए यह तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है मान्यता है कि प्रतिपदा तिथि से पंचमी तिथि तक बंगाली समुदाय के लोग दुर्गा पूजन के लिए तैयारियां करते है देवी मां की प्रतिमा को स्थापित कर उसे सजाते है और छठवें दिन यानी नवरात्रि के षष्ठी तिथि से शक्ति की साधना और उपासना होती है मान्यता है कि पूरी निष्ठा और विश्वास से जो भक्त माता की सेवा करता है उसकी सभी इच्छाएं देवी मां पूर्ण करती है और परेशानियों को भी दूर कर देती है।


