ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में कई व्रत पड़ते हैं जिनमें आंवला नवमी महत्वपूर्ण होता है पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का व्रत किया जाता है इसे अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं धार्मिक तौर पर देखा जाए तो कई ऐसे पेड़ पौधे है जिनकी पूजा को उत्तम बताया गय है इन्हीं में से एक है आंवले का वृक्ष, अक्षय नवमी तिथि पर आंवले के पेड़ की पूजा कर उसके नीचे भोजन करने का विधान होता है

मान्यता है कि आंवले के वृक्ष पर भगवान विष्णु का वास होत है इस दिन इनकी पूजा से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर कृपा करती है जिससे भक्तों के जीवन में खुशहाली का आगमन होता है इस दिन श्री हरि विष्णु, मां लक्ष्मी और आंवले की पूजा एक साथ भी की जा सकती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि इस सल आंवला नवमी कब मनाई जाएगी तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि आंवला नवमी का त्योहार इस साल 2 नवंबर दिन बुध्वर को मनाया जाएगा। इस दिन आंवले के पेड़ में सूत बांधकर परिक्रमा लगाई जाती है मान्यता है कि ऐसा करनेसे मनचाहा फल प्राप्त होता है और कष्टों वर रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
जानिए मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी तिथि का आरंभ 1 नवंबर को रात 11 बजकर 4 मिनट से हो रहा है और इसका समापन 2 नवंबर 2022 को रात9 बजकर 9 मिनट पर होगा। आंवला नवमी का पर्व 2 नवंबर को मनाया जाएगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अंवले के पेड़ को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना गय है इस दिन आवंले और श्री हरि की आराधना करने से समस्त पापों का नाश हो जात है आपको बता दें कि इस दिन आंवले की पूजा करने से गौ दान के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है और सुख समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती है।


