ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती का पर्व मनाया जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गायत्री का जन्म हुआ था। इस दिन मां गायत्री की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है
मां गायत्री के पांच मुख और दस हाथ है उनके इस रूप में चार मुख चार वेदों के प्रतीक है और पांचवा मुख सर्वशक्तिमान शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है इसके साथ ही मां गायत्री के दस हाथ भगवान श्री विष्णु के प्रतीक है तो आज हम आपको गायत्री जयंती का मुहूर्त और पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
इस साल गायत्री जयंती पर काफी अच्छा योग बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ परिघ योग बन रहा है इस शुभ योग में पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी।
गायत्री जयंती की तिथि और मुहूर्त—
गायत्री जयंती तिथि— 11 जून 2022 शनिवार
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि आरंभ— 10 जून को शुक्रवार सुबह 7 बजकर 25 मिनट से शुरू
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समाप्त— 11 जून को शनिवार सुबह 5 बजकर 45 मिनट तक
गायत्री जयंती पर बन रहा शुभ योग—
सर्वार्थ सिद्धि योग— 11 जून को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 12 जून को सुबह 2 बजकर 5 मिनट तक
परिघ योग— रात 8 बजकर 47 मिनट तक रहेगा उसके बाद से शिव यो ग आरंभ हो जाएगा
अभिजीत मुहूर्त— सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक
गायत्री जयंती की पूजन विधि—
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। अब एक चौकी में लाल रंग का वस्त्र डालकर मां गायत्री की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर लें। गंगाजल से पवित्रीकरण कर लें। मां गायत्री को फूल, सिंदूर, अक्षत आदि अर्पित करें। अब मां को भोग लगाकर जल चढ़ा दें। घी का दीपक और धूप जलाकर मां गायत्री के मंत्र का जाप करें। गायत्री चालीसा का पाठ करने के बाद विधि विधानसे आरती कर लें। अंत में भूल चूक के लिए क्षमा मांग लें। गायत्री मंत्र का करें जाप। गायत्री जयंती पर मां गायत्री को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का जाप करना लाभकारी होगा। ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।