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540 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में SAD नेता बिक्रम मजीठिया गिरफ्तार, पंजाब में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई

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पंजाब की सियासत में बुधवार को उस वक्त भूचाल आ गया जब शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को राज्य के विजिलेंस ब्यूरो ने मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति के मामले में गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई राज्यभर में चलाए गए 25 से अधिक स्थानों पर छापेमारी अभियान के बाद की गई।
विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि मजीठिया ने कथित रूप से 540 करोड़ रुपये की ड्रग्स से जुड़ी अवैध कमाई को सफेद धन में बदला। यह मामला पहले से ही चर्चा में रही 2021 की ड्रग्स केस की जांच से जुड़ा हुआ है, जिसमें मजीठिया पर पहले ही NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज हो चुका है।
क्या है पूरा मामला?
एजेंसी ANI के मुताबिक, विजिलेंस ब्यूरो की एक विशेष जांच टीम (SIT) ने मजीठिया और उनके नजदीकी लोगों से जुड़े फाइनेंशियल दस्तावेजों की गहन जांच की। जांच में सामने आया कि:
मजीठिया से जुड़ी कंपनियों में 161 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकद जमा की गई।
141 करोड़ रुपये विदेशी चैनलों के माध्यम से संदिग्ध लेन-देन के तौर पर भेजे गए।
236 करोड़ रुपये अतिरिक्त कंपनियों में जमा किए गए, जिनका कोई वित्तीय रिकॉर्ड में उल्लेख नहीं था।
पंजाब के 25 ठिकानों पर छापेमारी
PTI के अनुसार, विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार सुबह पंजाब के 25 से अधिक स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इनमें से 9 स्थान अमृतसर में थे, जिसमें मजीठिया का ग्रीन एवेन्यू स्थित घर भी शामिल था।
इसके अलावा चंडीगढ़ स्थित उनके सरकारी आवास पर भी छापा मारा गया। इस दौरान मजीठिया की पत्नी और अकाली विधायक गणिव कौर मजीठिया ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घर में प्रवेश किया।
उन्होंने मीडिया से कहा, “मेरे पति पर अवैध संपत्ति का केस दर्ज किया गया है। हम इससे डरने वाले नहीं हैं। जनता बिक्रम मजीठिया के साथ खड़ी है।”
वायरल वीडियो में मजीठिया का विरोध
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा गया कि बिक्रम मजीठिया छापेमारी के दौरान अधिकारियों से सवाल-जवाब कर रहे हैं। उन्होंने कहा,
“आप जबरदस्ती अंदर घुसे हैं, ये तरीका नहीं है। मैं कहीं नहीं जा रहा, मैं पूरी तरह से सहयोग को तैयार हूं।”
वहीं मजीठिया की पत्नी ने अधिकारियों से सवाल करते हुए पूछा, “यह क्या हो रहा है? मेरे घर में बिना जानकारी के कैसे घुसे?”
अकाली दल ने बताया ‘राजनीतिक प्रतिशोध’
इस कार्रवाई के बाद SAD नेताओं का तीखा बयान सामने आया। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल खुद मजीठिया के घर पहुंचे और विजिलेंस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की।
साथ ही अकाली समर्थक बड़ी संख्या में उनके आवास के पास जमा हो गए और भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने रास्तों को ब्लॉक कर दिया ताकि प्रदर्शन को नियंत्रित किया जा सके।
मजीठिया ने AAP सरकार पर लगाया बदले की राजनीति का आरोप
मीडिया से बात करते हुए मजीठिया ने कहा:
“अगर एफआईआर दर्ज करनी थी तो नोटिस देकर भी किया जा सकता था। ये साफ है कि ये सब AAP की घबराहट का संकेत है। भगवंत मान जी, कितनी भी FIR दर्ज करवा लीजिए, मैं न डरने वाला हूं और न ही आपकी सरकार मेरी आवाज दबा सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राजनीतिक प्रतिशोध में विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
ड्रग्स केस की पुरानी जांच से कनेक्शन
बता दें कि मजीठिया 2018 में STF द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर NDPS एक्ट के तहत 2021 में पहली बार नामजद हुए थे। यह केस कांग्रेस सरकार के समय दर्ज किया गया था, जब चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री थे।
SIT की जांच में पहले भी यह सामने आया था कि मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी कई कंपनियों में संदिग्ध विदेशी लेन-देन के सबूत मिले हैं।
इससे पहले वह पांच महीने से ज्यादा समय तक पटियाला जेल में बंद रहे और अगस्त 2022 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हुए थे।
राजनीतिक मायने
बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी पंजाब की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है। 2024 लोकसभा चुनाव के पहले राज्य में राजनीतिक गर्मी और भी तेज हो सकती है। SAD जहां इसे विपक्ष को डराने की कोशिश बता रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इसको भ्रष्टाचार और ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा बता सकती है।
हालांकि, मजीठिया की गिरफ्तारी से भगवंत मान सरकार एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। इससे राजनीतिक ध्रुवीकरण और तीखा हो सकता है।

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